रिश्तों की आड़ में चलता था नशे का धंधा
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी की पहचान अलखराम कुशवाहा (निवासी मौदहा थाना क्षेत्र, जनपद हमीरपुर) के रूप में हुई है। पूछताछ में जो खुलासा हुआ, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। अलखराम की मुलाकात ओडिशा के सोनपुर जिले के तरभा थाना क्षेत्र में रहने वाले सोना रतन राणा से गांजा खरीदने के सिलसिले में हुई थी। यह व्यावसायिक संबंध धीरे-धीरे व्यक्तिगत रिश्ते में बदल गया और अंततः अलखराम ने सोना रतन राणा की बेटी से शादी कर ली। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सोना रतन राणा और उसके दो भतीजे, शिवप्रसाद और विशेषण राणा, पहले से ही गांजा तस्करी के धंधे में गहरे से लिप्त थे। शादी के बाद, अलखराम ने अपने ससुर और सालों के साथ मिलकर ओडिशा से गांजे की तस्करी का एक बड़ा और सुनियोजित नेटवर्क स्थापित कर लिया।
बुंदेलखंड तक फैला था नेटवर्क, ट्रेन से होती थी सप्लाई
यह गिरोह ओडिशा से बड़ी मात्रा में गांजा खरीदता था और उसे ट्रेन के माध्यम से बिहार और मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में फैलाता था। बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर जैसे जिले इनके मुख्य आपूर्ति केंद्र थे, जहाँ नशे के इस सामान की बड़ी खेप खपाई जाती थी। बांदा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक सघन चेकिंग अभियान चलाया, जिसके दौरान चारों तस्करों को धर दबोचा गया। पकड़े गए तस्करों में से तीन ओडिशा के निवासी हैं, जबकि मास्टरमाइंड अलखराम हमीरपुर का रहने वाला है। पुलिस रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला है कि अलखराम पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि को उजागर करते हैं।
बांदा एसपी मीडिया सेल द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक, सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब इस गांजा तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों और इसके विस्तृत फैलाव की जानकारी जुटाने में लगी है। पुलिस ने आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और जल्द ही इस पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने का दावा कर रही है।