साथ ही सनातनविरोधी गतिविधियों में संलिप्त कोरदा निवासी श्यामलाल रात्रे को दोबारा गांव में आकर प्रार्थना सभा करने एवं ग्रामीणों की परेशानियों का फायदा उठाकर धर्मांतरित करने का प्रयास न करने की हिदायत दी। साथ ही उसके द्वारा चंपाबाई के घर से तुलसी का पौधा घर से बाहर कराने की एवज में विधिवत पूजा पाठ पुजारी के माध्यम से करवा कर पुन: स्थापित किया गया। पूरे मकान में रामनाम का जाप के साथ लेखन किया गया और पूरे परिवार को रक्षासूत्र बांधकर हरसंभव सहयोग का वचन दिया गया।
चंपा बाई ने बताया की चार साल पहले मैं रसेड़ी में रहने वाले रिश्तेदार के यहां गई थी। मुझे आंखों से कम दिखता था, उसके यहां प्रार्थना सभा कराने वाले श्यामलाल रात्रे ने कहा कि ईशु की पूजा करने से मेरी आखों की रौशनी वापस आ जाएगी। मेरे पिता के विरोध के बाद भी मैने अपने घर से अपने भगवान और तुलसी को बाहर निकाल दिया लेकिन मेरी आंखें और खराब होती चली गई। मुझे आज पूरी तरह दिखना बंद हो गया है। मैं अब अपने भगवान को ही मानूंगी। घटना के समय विहिप बजरंग दल कार्यकारिणी राजेंद्र जायसवाल, आदित्य यदु, आनंद साहू, सालिक राम पाल, महेश पाल, गोविंद गिरी गोस्वामी, यंगम साहू, मुकेश पाल, ओमप्रकाश साहू, लुकेश पाल, मनीष पाल, टिकेश्वर पटेल, रविंद्र विश्वकर्मा एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विहिप जिला अध्यक्ष अभिषेक तिवारी मिकी ने कहा कि आज से दो वर्ष पूर्व भी कोरदा निवासी श्यामलाल रात्रे के द्वारा चंपा बाई को धर्मांतरित कराके घर में एक धर्म विशेष की प्रार्थना कराने पर ग्रामीणों के द्वारा विरोध किया गया था और संगठन के नेतृत्व में समझाइश देकर परिवार को वापस सनातन धर्म में लाया गया था। लेकिन अशिक्षा, जानकारी का अभाव बीमारी और गरीबी का लाभ उठा कर पुन: परिवार को बरगलाया गया। फिर से इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए बजरंग दल के जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को परिवार के हर संभव मदद एवं चंपा बाई को विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच कराने के लिए निर्देशित किया गया है।
हम मिशनरियों को जिला बलौदा बाजार भाटापारा के भोले भाले गरीब हिंदुओं के धर्मांतरण में सफल नहीं होने देंगे। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार धर्मांतरण बाहरी घूसपैठियों के विरोध में ही बनी थी, भाजपा ने धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाने और जो धर्मांतरित हो चुके हैं उनके डिलिस्टिंग समेत आरक्षण से वंचित करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ बातें ही की जा रही है। आशा है कि बहुत जल्द इस पर निर्णय लिया जाएगा अन्यथा धर्मांतरण का कुचक्र पूरे प्रदेश की एकता संप्रभुता को नष्ट कर देगा।