यह भी पढ़ें:
कलेक्ट्रेट के बोर सूखे… अधिकारी-कर्मचारी और आम लोग पानी को तरसे, टैंकर ने बुझाई प्यास ज्ञापन में नगर पालिका उपाध्यक्ष मनोज दुबे ने विभिन्न कार्यों के लिए 2 करोड़ 47 लाख की जारी निविदा में सीएमओ लेखापाल और सहायक अभियंता द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए भारी अनियमितता बरतते हुए ठेकेदार को भुगतान करने का
आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
उन्होंने बताया कि मार्केट में जो टैंकर 1 लाख 65 हजार में मिलता है। उसे पालिका के अधिकारियों ने 4 लाख 50 हजार ओर बाजार में मिलने वाला ई रिक्शा जो 1 लाख 28 हजार 100 रुपए मिलते है। उसे 4 लाख 33 हजार रुपए में खरीद कर शासन को लाखों की चपत लगाई गई है।
शासन के भंडार नियम का और केंद्र शासन के 15वें वित्त के तहत आदेश का पालन नहीं किया गया। नगर पालिका उपाध्यक्ष ने उपमुयमंत्री से निवेदन कर 15वें वित्त आयोग के टाइड ग्रांट मद से हुए सामग्री सप्लाई में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषी अधिकारियों से वसूली की कार्रवाई करने की मांग की।