scriptFarmer Worried : उम्मीद से कम बारिश, खेतों में सूखने लगी फसल | Less rain thकिसानों की चिंता बढ़ी: नालों और डबरी से सिंचाई करने मजबूरan expected, crops started drying in the fieldsFarmer WorriedLess rain than expected, crops started drying in the fields | Patrika News
बालोद

Farmer Worried : उम्मीद से कम बारिश, खेतों में सूखने लगी फसल

कम बारिश की वजह से जिले के अर्जुंदा क्षेत्र में धान सूखने की स्थिति में है। किसान नालों व डबरी से मोटरपंप लगाकर सिंचाई करने को मजबूर हो गए हैं। कई किसान ऐसे हैं, जो अपने निजी बोर से सिंचाई कर रहे हैं।

बालोदAug 15, 2025 / 12:00 am

Chandra Kishor Deshmukh

कम बारिश की वजह से जिले के अर्जुंदा क्षेत्र में धान सूखने की स्थिति में है। किसान नालों व डबरी से मोटरपंप लगाकर सिंचाई करने को मजबूर हो गए हैं। कई किसान ऐसे हैं, जो अपने निजी बोर से सिंचाई कर रहे हैं।
बालोद जिले में इस मानसून सीजन अब तक उम्मीद से कम बारिश हुई है, जिससे किसान चिंतित है। इन दिनों खंड वर्षा की स्थिति है। अब तक औसत 669 मिमी बारिश हुई है। कम बारिश की वजह से जिले के अर्जुंदा क्षेत्र में धान सूखने की स्थिति में है। किसान नालों व डबरी से मोटरपंप लगाकर सिंचाई करने को मजबूर हो गए हैं। कई किसान ऐसे हैं, जो अपने निजी बोर से सिंचाई कर रहे हैं।

इस हफ्ते बारिश नहीं हुई तो फसलों पर पड़ेगा असर

कृषि विभाग की माने तो एक सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं हुई तो फसलों पर इसका असर पड़ सकता है। अल्प बारिश व सूखते फसलों की स्थिति को देखते हुए संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा एवं गुंडरदेही विधायक कुंवरसिंहे निषाद ने जिले के प्रमुख जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे की मांग किए हैं।
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फसल पड़ रही पीली, बोर व नालों से सिंचाई

जिले के कई किसानों के खेतों में धान की फसल पीली पड़ रही है। फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं है। किसानों का कहना है कि हर हाल में सिंचाई के लिए पानी चाहिए। पानी नहीं मिला तो फसल सूख जाएगी। इसलिए जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी छोडऩा चाहिए।

बालोद में झमाझम, अर्जुंदा, मार्री बंगला में कम बरसे बादल

बुधवार को जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है। बालोद तहसील में गुरुवार को कुल 48.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो जिले में सबसे ज्यादा है। अर्जुंदा तहसील में 15, मार्रीबंगला देवरी तहसील में 19 एवं गुरुर तहसील में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गुरुवार को जिले में औसत 29 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
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अल्प वर्षा से फसलों के विकास में पड़ेगा असर

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक सचिन वर्मा ने बताया कि कम बारिश चिंता कारण जरूर है। एक सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं हुई तो फसलों पर इसका असर पड़ेगा। फिलहाल किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करनी होगी।

जलाशयों में पानी पर्याप्त, छोडऩे की कर रहे मांग

जिले के प्रमुख जलाशयों में लगभग 50 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। जलभराव की स्थिति बेहतर बता रहे हैं। किसानों के अलावा जनप्रतिनिधियों ने भी जलाशयों से पानी छोडऩे की मांग कलेक्टर से की है। सिंचाई विभाग में भी कई गांव के किसानों ने आवेदन देकर पानी छोडऩे की मांग की है।

चार प्रमुख जलाशयों में जल भराव की स्थिति

जलाशय – जलभराव प्रतिशत में
तांदुला – 60.47
खरखरा – 53.39
मटियामोती – 46.31
गोंदली – 53.2

तहसील में इस मानसून सीजन बारिश

तहसील – बारिश मिमी में
बालोद – 783.3
गुरुर – 601.3
गुंडरदेही – 605.6
डौंडी – 735.8
डौंडीलोहारा – 690.8
अर्जुंदा – 632
मार्रीबंगला देवरी – 637.5
कुल औसत बारिश – 669.5 मिमी

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