इन दिनों सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों के अंगूठे का निशान मिट जाने व आंखों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने की वजह से नेत्र स्क्रीनिंग में आ रही है। कई बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड से इलाज का लाभ नहीं मिल रहा है। शासन व स्वास्थ्य मंत्रालय ने जल्द शत प्रतिशत चिन्हांकित बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं।
Ayushman Card: ऐसे करा सकते हैं सत्यापन
70 प्लस बुजुर्गों का
आयुष्मान कार्ड बनाने में सबसे कमजोर स्थिति डौंडीलोहारा ब्लॉक की है, जहां मात्र 26.38 प्रतिशत ही बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बना है। ब्लॉक में कुल 5747 बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बनाना है। अभी तक मात्र 1616 ही आयुष्मान कार्ड बना है। आयुष्मान कार्ड बनाने में सबसे बेहतर स्थिति बालोद ब्लॉक की है। यहां अभी तक 61.21 प्रतिशत बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बन गया है।
बालोद सीएमएचओ डॉ. जेएल उइके ने कहा की जिले में घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को चिन्हांकन कर आयुष्मान कार्ड बना रही है।
किस ब्लॉक में कितने कार्ड बने
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. कमल किशोर साहू ने बताया कि आधार सत्यापन चार माध्यमों से किया जा रहा है। पहला फिंगर प्रिंट, दूसरा आधार ओटीपी, तीसरा फेस वेरिफिकेशन और चौथा आयरिस है। इस योजना के तहत
आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशनकार्ड अनिवार्य नहीं है। किसी परिवार में 70 प्लस के 2 बुजुर्ग हैं, तो दोनों बुजुर्गों को मिलाकर कुल 5 लाख रुपए तक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा।
ब्लॉक लक्ष्य कार्ड बना प्रतिशत
बालोद 4800 2938 61.21 डौंडी 4822 2206 45.75 डौंडीलोहारा 5747 1616 26.38 गुंडरदेही 11026 4660 42.26 गुरुर 7698 2628 34.16 कुल 34093 13948 40.91
15 प्रतिशत बुजुर्ग के पास नहीं आधार कार्ड
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में 15 प्रतिशत बुजुर्गों का आधार कार्ड भी अपडेट नहीं हो पाया है। उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह योजना आधार बेस्ड है। आधार कार्ड में जन्म, तारीख और मोबाइल नंबर रजिस्ट्रर्ड होना अनिवार्य है। इसके बिना बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है। ऐसे लोगों को आधार में परिवार के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड कराने कहा जा रहा है, जिससे भविष्य में कोई परेशानी न हो।