सूचना मिलते ही प्रधान प्रतिनिधि सुमेर यादव अपने सहयोगियों संग मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लेते हुए तुरंत उपजिलाधिकारी बैरिया आलोक प्रताप सिंह को अवगत कराया। इसके बाद एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य में लगी एजेंसी, सिंचाई विभाग व स्थानीय ग्रामीणों की मदद से संयुक्त प्रयास शुरू हुआ। करीब तीन घंटे की अथक मेहनत के बाद रिसाव पर नियंत्रण पाया जा सका।
उल्लेखनीय है कि रिसाव का यह स्थान वही क्षेत्र है, जहां 19 सितंबर 2024 को करीब 50 मीटर लंबा सड़क हिस्सा कटकर सरयू में समा गया था। उस घटना से तीन हजार की आबादी प्रभावित हुई थी और बलिया-छपरा मार्ग लगभग एक माह तक बाधित रहा था।
रविवार को पुनः हुई इस घटना ने प्रशासन की नींद उड़ा दी। हालाँकि समय रहते रिसाव पर नियंत्रण पा लिया गया, परंतु इसने निर्माण गुणवत्ता और बाढ़ सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों की सजगता और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
प्रशासन द्वारा स्थिति पर सतत निगरानी की बात कही गई है और निर्माण एजेंसी को सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं।