स्मार्ट फोन नहीं होने पर फजीहत
एक्स रे फिल्म नहीं होने पर सर्वाधिक परेशानी ऐसे मरीजों को उठानी पड़ रही है, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं होते हंै या कीपैड़ वाले मोबाइल है। इस तरह के मरीजों को विभागीय कर्मचारी उनके परिजन या फिर दूसरे मरीज के मोबाइल में एक्सरे रिपोर्ट डाल रहे हैं। इसके बाद दोनों मरीजों को चिकित्सक के पास रिपोर्ट दिखाने के लिए पहुंचा दिया जा रहा है। कई मामलों में कर्मचारी संबंधित मरीज की रिपोर्ट की फोटो सीधे चिकित्सक के मोबाइल पर भेज रहे हैं।परेशान हुए परिजन
शनिवार को कमर में दर्द होने को लेकर एक्सरा कराने पहुंचे लालबर्रा निवासी सलमान कुरैशी ने बताया कि उन्होंने एक्स रा करवाया। लेकिन उन्हें फिल्म नहीं दी गई। जानकारी लेने पर पता चला कि मोबाइल पर रिपोर्ट दी जाएगी। जिसे डॉक्टर को दिखाना है। उनके पास मोबाइल होने पर उन्होंने तो मोबाइल पर रिपोर्ट ले ली। लेकिन एक अन्य मरीज दुर्घटना में घायल होकर आया था, जिसे काफी देर मोबाइल फोन के जुगाड़ में परेशान होना पड़ा।फोटोकॉपी का सहारा
एक्स रे विभाग में एक्स रे करने पहुंचने वाले मरीज का एक्स रे और उनकी रिपोर्ट का रिकॉर्ड रखने के लिए एक्स रे की फोटो कॉपी कराकर कागजों में हिसाब मेंटेनेंस किया जा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों के साथ ही मरीज भी परेशान है। रिकॉर्ड मेंटेनेंस करने में परेशानियां उठानी पड़ रही है।मार्केट में आठ हजार कीमत
बताया जा रहा है कि एक्स-रे विभाग के सीएस स्टोर से एक बार में 25 से 30 फिल्म के पैकेट एक्स-रे विभाग को दिए जाते हैं। एक पैकेट में 150 फिल्म आती है। जानकारी के अनुसार 150 फिल्मों वाले एक पैकेट की कीमत मार्केट में 8 हजार 663 रुपए होती है। शायद यही वजह है कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी मार्केट से एक्स-रे फिल्म नहीं खरीदी जा रही है। डिजिटल एक्स-रे का यह सिलसिला अस्पताल में पिछले कई दिनों से यूं ही चल रहा है।रोजाना मरीज हो रहे परेशान
बताया जा रहा है कि एक्स-रे फिल्म के अभाव में मरीजों को मोबाइल पर रिपोर्ट भेजी जा रही है। इस व्यवस्था में उन मरीजों के सामने संकट खड़ा हो गया है, जिनके पास एंड्रायड मोबाइल फोन नहीं है। एक जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में प्रति माह करीब ढाई से तीन हजार एक्सरे की आवश्यता होती है। मामला कलेक्टर तक के संज्ञान में लाया जा चुका है। बावजूद इसके वे भी अब तक समाधान नहीं कर पाएं है।डॉ मनोज पांडे, प्रभारी रेडियोलॉस्टि बालाघाट