पं. शास्त्री ने बताया कि पहला मुहूर्त दो जून सोमवार को है। दूसरा चार जून बुधवार को है। तीसरा मुहूर्त पांच जून गुरुवार को हैं। चौथा मुहूर्त सात जून शनिवार को है। पांचवा मुहूर्त आठ जून रविवार को हैं। बताया कि इसके चार माह बाद तक कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। बीच में चातुर्मास का प्रारंभ हो जाएगा। इस वजह से कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे। चातुर्मास नौ जून से एक नवंबर तक रहेंगे। दो नवंबर से विवाह के शुभ मुहूर्त बनेंगे। ऐसे में जून के बाद शादी के लिए चार माह का इंतजार करना होगा।
पं. शास्त्री ने बताया कि नवंबर से विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे, जो दिसंबर तक चलेंगे। इस दौरान १७ दिन विवाह का योग है। नवंबर माह में विवाह के १४ और दिसंबर माह में विवाह के तीन मुहूर्त मिले हैं। उनके अनुसार नवंबर माह के दो, तीन, छह, आठ, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 तथा दिसंबर माह के चार, पांच और छह को विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं।