खेत में ही बैठा हुआ था बाघ
घटना के बाद मौके पर लगे ग्रामीणों के भारी हुजूम के बीच प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि जब वे खेत पहुंचे तो झोपड़े में प्रकाश नहीं था। बाघ ने उसे घसीटते हुए कुछ दूरी पर ले जा लिया था। खेत में लगी फसल के बीच ही छुपकर बाघ प्रकाश पाने को खा रहा था। बाघ को बचाने शोर करने पर बाघ ने करीब दो बार दहाड़ भरी। दहाड़ से भयभीत होकर ग्रामीण वहां से उल्टे पांव लौट गए थे।
वन विभाग पर जताया आक्रोश
प्रकाश की मौत से गुस्सा ग्रामीणों वन चौकी का घेराव करने का प्रयास भी किया। वहीं बीटगार्ड गुलाब सिंह उइके साथ बेहस और धक्का मुक्की की जानकारी भी सामने आई है। बताया गया कि एक दिन पूर्व ही बाघ के बकरी का शिकार करने पर ग्रामीणों ने बीटगार्ड गुलाब सिंह को जानकारी दी थी। तब गुलाब सिंह ने ग्रामीणों पर गुस्सा करते हुए किसी ग्रामीण का शिकार तो नहीं किया होने की बात कही थी। शनिवार को जब बाघ के हमले से किसान की मौत हुई, तो ग्रामीण भडक़ उड़े। जिन्होंने वन विभाग पर जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए नारेबाजी भी की। सुरक्षा के लिहाज से मौके पर तीन थानो का पुलिस बल बुलाना पड़ा था।
घर में नहीं बचा कोई कमैया
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक कृषक प्रकाश पाने अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला एकमात्र मुखिया था, जो खेती पर ही निर्भर था। उसके परिवार में उसके अलावा पत्नी और तीन बच्चे मौजूद है। बड़ी बेटी का विवाह हो चुका है। 23 वर्षीय दूसरी बेटी और 21 वर्षीय छोटा बेटा शुभम पाने है। सभी मृतक किसान पर ही निर्भर थे।
यह अधिकारी रहे मौजूद
कुड़वा खेत में घटित घटना के बाद वन परिक्षेत्र कटंगी, वारासिवनी का पूरा अमला देर शाम तक मौजूद रहा। इनके अलावा एसडीओ फॉरेस्ट बालाघाट, एसडीम कटंगी मधुवंतराव धुर्वे, एसडीओपी कटंगी विवेक शर्मा के अलावा कटंगी, तिरोड़ी, वारासिवनी, खैरलांजी, रामपायली, थाने का पूरा पुलिस अमला घटना स्थल पर मौजूद रहा। वन विभाग की टीम ने बाघ को पकडऩे के लिए पिंजरा बुलवाया है। सतत निगरानी रखी जाएगी। पीडि़त परिवार को अठ लाख का मुआजवा प्रदान किया गया है। प्रदेश स्तर पर भी प्रस्ताव भेजा गया है।