वन्य संरक्षित क्षेत्र में लगने वाले उर्स पर लगी रोक
क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक मुर्तिहा कोतवाली इलाके में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के बीच लक्कड़ शाह की मजार बनी हुई है। मजार किसने बनवाई और कब बनी इसकी जानकारी वन विभाग को भी नहीं है। धीरे-धीरे यहां उर्स के रूप में मेला लगने लगा। इसमें बहराइच से सटे कई जिले के लोग आने लगे। इस मेले को जियारत नाम से मशहूर किया गया।वन संरक्षित क्षेत्र में लगने वाले उर्स पर इस बार रोक लगा दी गई है। डीएफओ का कहना है कि यह एक अतिक्रमण है, जो सेंचुरी एरिया यानी कोर जोन में पड़ता है, इसलिए इस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वन विभाग के पास नहीं है लक्कड़ शाह की मजार का इतिहास
लक्कड़ शाह की मजार पर लगने वाले उर्स पर रोक लगाने के बाद उस इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। इनमें वन कर्मियों के अलावा निरीक्षक, उपनिरीक्षक व पुलिस कर्मी समेत तकरीबन 100 लोग वहां ड्यूटी पर तैनात हैं जिससे कि किसी भी तरह से शांति भंग नहीं की जा सके।प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट बी शिवशंकर ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग वन संरक्षित क्षेत्र है। यहां टाइगर, लेपर्ड के अलावा कई अन्य जानवर भी हैं। जिस जगह मेला लग रहा था, वह भी कोर जोन में पड़ता है, इसलिए वहां अनुमति नहीं दी गई है।