अभियोजन के अनुसार, वादी रंजीत सिंह निवासी धनहुआ ने आरोप लगाया था कि 4 अक्टूबर 2020 को वह अपने मित्र संजय सिंह के साथ जीयनपुर-मुहम्मदाबाद रोड पर मौजूद थे। उसी दौरान शाम लगभग 5:45 बजे जीयनपुर थाना क्षेत्र के चुनुगपुर तिराहे पर रिजवान निवासी समुद्रपुर, उसका भाई एहसान और सुरेंद्र यादव निवासी धुसवां ने उनका रास्ता रोक लिया।
वादी के अनुसार, रिजवान ने पिस्तौल दिखाते हुए धमकी दी कि ‘प्रमुख जी’ उर्फ़ कुन्टू सिंह से बात करो और उनके दुश्मनों से मेलजोल बंद करके पाँच लाख रुपये की व्यवस्था करो, नहीं तो जान से मार दिया जाएगा।
पुलिस ने मामले की जांच के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल चार गवाहों की गवाही कराई गई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सबूतों के अभाव में आरोपी ध्रुव सिंह उर्फ़ कुन्टू सिंह, सुरेंद्र यादव, रिजवान अहमद और एहसान को दोषमुक्त कर दिया।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सर्वजीत यादव ने पैरवी की। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी कुन्टू सिंह को कासगंज जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया।