ट्रकों के लिए भी Bharat NCAP जैसा सिस्टम
अब तक भारत में Bharat NCAP के तहत केवल पैसेंजर कारों की सुरक्षा की जांच की जाती थी। लेकिन अब सरकार चाहती है कि भारी वाहन (ट्रक और बसें) भी उन ही मानकों पर जांचे जाएं। इससे कंपनियां बेहतर गुणवत्ता वाले वाहन बनाने के लिए प्रेरित होंगी। गडकरी ने कहा, “हम चाहते हैं कि ट्रक भी उसी तरह से सुरक्षित बनें जैसे कारें बन रही हैं। इससे सड़क हादसे कम होंगे और लोगों का ट्रांसपोर्ट पर भरोसा भी बढ़ेगा।”
ई-रिक्शा की सुरक्षा पर भी काम
सरकार अब बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा के लिए भी सुरक्षा मानक तय करने जा रही है। इन वाहनों में कई बार तकनीकी और सुरक्षा समस्याएं देखी गई हैं। नई नीति से इन वाहनों की गुणवत्ता में सुधार होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। ये भी पढ़ें- MG Majestor SUV की भारत में लॉन्चिंग जल्द: टेस्टिंग के दौरान हुई स्पॉट, Fortuner को मिलेगी टक्कर सड़क सुरक्षा के लिए अन्य बड़े कदम
गडकरी ने बताया कि मंत्रालय कई और जरूरी बदलावों पर काम कर रहा है।
ट्रक ड्राइवरों के काम के घंटे तय किए जाएंगे (अभी वे 13–14 घंटे चलाते हैं)। पूरे देश में 32 नए ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाए जाएंगे। सभी नए ट्रकों में अब एयर-कंडीशनिंग कैबिन अनिवार्य कर दिया गया है।
ADAS (Advanced Driver-Assistance Systems) तकनीक को भी ट्रकों में जरूरी कर दिया गया है।
बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा की शिक्षा
सड़क सुरक्षा को स्कूल स्तर पर भी बढ़ावा देने के लिए, अब कक्षा 1 से 12 तक के लिए रोड सेफ्टी मॉड्यूल्स को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके अलावा, शंकर महादेवन के गाए गए एक “रोड सेफ्टी एंथम” को देश की 22 भाषाओं में लॉन्च किया जाएगा।