CG Fraud News: 2022 में खोला था ऑफिस, बिना बैंक गए दिलाया लोन
अंबिकापुर के तुलसी चौक स्थित गंगापुर इलाके में नवंबर 2022 में आरवी ग्रुप ने ‘स्पॉश एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से कार्यालय खोला। कंपनी ने दावा किया कि उसकी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों में अच्छी साख है और वह गारंटर बनकर लोन दिला सकती है। उन्होंने कहा कि ईएमआई का भुगतान कंपनी स्वयं करेगी। इस भरोसे पर शिक्षकों और कर्मचारियों से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और उनके नाम से लाखों रुपये के लोन स्वीकृत करा लिए गए। इस प्रक्रिया में किसी को बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ी।
ऐसी स्कमी बताई कि फंस गए
कर्मचारियों को टारगेट कर शहर के बड़े होटलों में पार्टी दी गई और कॉन्फ्रेंस के बहाने लुभावनी स्कीम बताई गई। कहा गया कि लोन की आधी राशि कंपनी में निवेश की जाएगी और पूरी ईएमआई कंपनी चुकाएगी। इससे कर्मचारियों को लाभ होगा। इसके बाद कर्मचारियों से फॉर्म भरवाए गए और दस्तखत कराए गए। इसके आधार पर विभिन्न बैंकों से उनके नाम पर पर्सनल लोन पास करवा लिए गए।
राशि निजी खातों में जमा कराई, बीमा भी हुआ
लोन मिलने के बाद उसकी 50% राशि कंपनी के नाम पर एएमएस सॉल्यूशन, सुरेंद्र सिंह और मनोज प्रधान के निजी खातों में जमा कराई गई। साथ ही, कर्मचारियों का जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा भी करवा दिया गया। बाद में बैंक से नोटिस आने पर कर्मचारियों को ठगी का पता चला। कई दस्तावेजों में उनके फर्जी हस्ताक्षर मिले। भरोसे के नाम पर दिए गए चेक पर भी जाली हस्ताक्षर थे।
जिन लोगों से हुई ठगी
प्रमुख पीड़ितों में शिक्षिका पवित्रा लकड़ा, प्रीति सिदार, गुड्डा राम बरवा, देवेंद्र पैंकरा, भइयो एक्का, अनूप कुमार सिंह, पूरन लाल, रामप्रताप साहू, नीलम सिंह पैंकरा, जगधारी, कृष्णा राजवाड़े, विनीत सिंह, हरीश कुमार प्रजापति, अन्ना खाखा, ज्योति कुजूर, रीना रोज तिग्गा, सुचित्रा कुजूर, अनिता तिग्गा, अनिमा तिग्गा सहित 130 लोग शामिल हैं, जिनमें से अधिकतर शासकीय कर्मचारी हैं। इनके खिलाफ दर्ज हुआ अपराध
गांधीनगर
पुलिस ने ठगी की शिकायत के आधार पर आरवी ग्रुप के फाउंडर मनोज कुमार प्रधान, मनोज कुमार भगत, सुरेंद्र सिंह करियाम, अभय गुप्ता, विष्णु प्रजापति और सुदेश एक्का के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत अपराध दर्ज किया है।
ठगी की राशि बढ़ने की आशंका
एएसपी सरगुजा के अमोलक सिंह ढिल्लों ने कहा की अब तक 130 लोगों से 42 करोड़ रुपये की ठगी सामने आ चुकी है, लेकिन पीड़ितों की संख्या और भी बढ़ सकती है, जिससे ठगी की राशि और ज्यादा हो सकती है। मामले की जांच जारी है।