क्या खासियत है इन पोल्स की ?
इन पर आंधी-तूफान का ज्यादा असर नहीं होता। पोल के बीच में ब्लॉक्स यू शेप में बने होते हैं, जिससे हवा आर-पार हो जाती है। इससे हवा का दबाव नहीं पड़ता और पोल सुरक्षित रहते हैं। राजस्थान में आंधी-तूफान आए दिन आ रहे हैं। इससे बिजली के पोल टूट रहे हैं। फीडर प्रभावित हो रहे हैं। रातभर जनता बिजली कटौती के कारण सो नहीं पा रही है। अकेले अलवर में ही 215 बिजली के पोल इस माह टूट चुके हैं। 54 फीडर प्रभावित हो गए।
नुक्सान होगा कम
कई घंटों तक लाइट लोगों को नहीं मिल पाई। यही हाल प्रदेश के अन्य जिलों का भी है। पोल टूटने का क्रम कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है। इससे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। जनहानि भी होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि कंक्रीट व सरिया से यह पोल बनाए जाते हैं। गुणवत्ता बेहतर होती है, लेकिन हर इंच हवा का दबाव बढ़ने के कारण पोल गिर जाते हैं। आंधी नहीं झेल पाते हैं। मैंने गुजरात का दौरा किया। वहां के बिजली पोल देखे और अध्ययन भी किया। उससे लगा कि गुजरात का यह यू शेप मॉडल कमाल का है। आंधी-तूफान का पोल पर ज्यादा असर नहीं होता। साथ ही उन्हें जमीन में लगाने में भी आसानी है। पोल के बीच में ब्लॉक्स यू शेप में बने हुए हैं, जिससे हवा आर-पार हो जाती है। इससे हवा का दबाव नहीं पड़ता और पोल सुरक्षित रहते हैं। सरकार को यह मॉडल अपनाना चाहिए। – प्रमोद शर्मा, रिटायर्ड एक्सईएन, यूआईटी अलवर
गुजरात बिजली निगम की तरफ से तटीय और ग्रामीण इलाकों में यू-शेप के पोल लगाए जाते हैं। यह पूरा पोल यू-शेप होता है, जिससे उसके बीचों बीच का एरिया खाली रह जाता है। ऐसे में हवा पोल से टकराकर आरपार हो जाती है। इस शेप की वजह से वहां पर अंधड़ के बावजूद पोल टूटने की संया बेहद कम है। पोल की मजबूती के लिए साइड में मजबूत सीमेंट-कंक्रीट और सरिये डाले जाते हैं। – कुमार संभव अवस्थी, एक्सईएन, यूआईटी अलवर