सरपंच श्याम सुंदर यादव ने बताया कि हर रोज रात 8:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक बिजली गुल रहती है और ठीक 6:15 बजे बिजली आ जाती है। जब इस संबंध में पावर हाउस पर संपर्क किया जाता है तो जवाब मिलता है कि “लाइन में फाल्ट है”। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वाकई फॉल्ट होता तो हर दिन एक ही समय पर कैसे ठीक हो जाता? इससे यह साफ है कि यह कटौती जानबूझकर की जा रही है।
वहीं सरपंच अजीत यादव ने बताया कि गूगल कोटा गांव में पिछले 10 दिनों से बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित है। ग्रामीणों ने कहा कि गर्मी के मौसम में यह बिजली कटौती असहनीय हो गई है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की ओर से मौके पर आने की जहमत नहीं उठाई गई। इससे ग्रामीणों में और अधिक नाराजगी देखने को मिली।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही नियमित बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा और जिला स्तर तक पहुंचाया जाएगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग की लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते उन्हें बुनियादी सुविधा से वंचित किया जा रहा है।