वक्ताओं ने इसे राजनीतिक निर्णय बताते हुए सरकार से पुनर्विचार की मांग की। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि वर्तमान सरकार का यह निर्णय जनता की भावना के विपरीत है। खैरथल में जानी-मानी अनाज मंडी और बड़ा रेलवे स्टेशन होने से किसानों व आमजन को आवागमन और व्यापार में बड़ी सुविधा मिलती है।
ऐसे में मुख्यालय बदलने से न केवल सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, बल्कि जनता की जेब पर भी प्रतिकूल असर होगा। इस दौरान चौपाल में मौजूद लोगों ने एक स्वर में कहा कि वे जिला नाम व मुख्यालय परिवर्तन के फैसले के विरोध में लगातार आवाज उठाते रहेंगे। बैठक में आगे की रणनीति पर भी चर्चा की गई।