श्रद्धालु महिलाओं ने मांगलिक गीतों पर नृत्य कर विवाह की खुशियां मनाई। विवाह महोत्सव के चलते मंदिर में तैयारियां तेज हो गई है।
इंद्र विमान रथ की खासियत
इंद्र विमान रथ में सवार होकर भगवान माता जानकी को ब्याहने जाते हैं। अलवर रियासत के दौरान 1897 में भारत की मशहूर तीन हाथियों वाली बग्गियों में से एक दुर्लभ रियासतकालीन रथ इंद्र विमान भी शामिल है।अलवर शहर के पुराना चौक से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा करीब 5 किमी दूर रूपबास में बने रूप हरि मंदिर में पहुंचती है। इस गांव को भगवान जगन्नाथ के ससुराल के नाम से जाना जाता है। यहां के ग्रामीण आज भी माता जानकी को अपनी बेटी मानते हैं।