टीम कर रही नियमित निगरानी सीसीएफ कटियार ने बताया कि वन विभाग की टीम की ओर से अवलोकन व नियमित निगरानी की जा रही है। इसी दौरान बाघिन अपने शावकों के साथ नजर आई। लगभग दो माह से बाघिन को शावकों के साथ स्वस्थ रूप में देखा जा रहा है। शावक भी सक्रिय और चुस्त-दुरुस्त नजर आ रहे हैं। जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि वे अच्छी तरह से विकसित हो रहे हैं।टहला रेंज के भगानी क्षेत्र में किया प्रजननकटियार ने बताया कि बाघिन एसटी-30 ने रणथंभौर से 2023 में लाकर यहां सरिस्का की टहला रेंज के भगानी क्षेत्र में छोड़े गए नर बाघ के साथ प्रजनन किया था। अब उसके शावकों की पुष्टि होने से यह स्पष्ट होता है कि पुनःस्थापना कार्यक्रम सफल हो रहा है।
निगरानी की और मजबूत वन विभाग ने बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी को और मजबूत कर दिया है। कैमरा ट्रैप्स और ग्राउंड पेट्रोलिंग की मदद से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम किया जा रहा है। इस घटना से सरिस्का रिजर्व में बाघों की आबादी को बढ़ावा मिलेगा और भारत के राष्ट्रीय पशुओं के संरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों को बल मिलेगा। यह संरक्षण, आवास, सुरक्षा और सामुदायिक सहभागिता की सफलता का प्रमाण है।