अलवर। राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बड़ी राहत मिली है। नारनौल की सेशन कोर्ट ने उसे 5 आपराधिक मामलों में बरी कर दिया है। इन सभी मामलों में महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग अदालतों ने उसे दोषी ठहराया था। ये सभी वे मामले हैं। जिनमें पपला के खिलाफ चल रहे मामलों में जिनमें न्यायालय में हाजिर नहीं होने पर उसे सजा सुनाई थी। इसके बाद पपला ने इन फैसलों को नारनौल की सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी।
सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। पपला गुर्जर पर हरियाणा और राजस्थान में हत्या, लूट, फिरौती सहित कई मामले दर्ज हैं। फिलहाल पपला गुर्जर भौंडसी जेल में बंद है। शुक्रवार को वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुआ। आदेश सुनाते समय आरोपी के वकील कुलदीप सिंह भरगड़ उपस्थित रहे। जबकि आरोपी भी वीसी के माध्यम से हाजिर रहा।
इन मामलों में हुआ बरी
वकील कुलदीप सिंह के मुताबिक विक्रम उर्फ पपला गुर्जर आज जिन केसों में बरी हुआ है उन केसों में तीन केस लड़ाई झगड़े से संबंधित थे। जिसमें एफआईआर होने के बाद वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ। कोर्ट ने उसको भगोड़ा घोषित कर दिया था। वहीं एक मामला महेंद्रगढ़ कोर्ट परिसर से भागने का था। इन सभी केसों में वह बार-बार कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो निचली अदालत ने उसको सजा सुनाई थी। इसके बाद उसने सेशन कोर्ट में इनके खिलाफ अपील की थी।
पपला गुर्जर ऐसे बना कुख्यात अपराधी
विक्रम गुर्जर उर्फ पपला गुर्जर का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ के करौली गांव में हुआ था। पपला के पिता की इच्छा थी कि उनका बेटा सेना में जाए। पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए पपला ने फौज में भर्ती होने की तैयारी शुरू की। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अचानक पपला को पहलवान बनने का शौक लगा और कुश्ती सीखने के लिए गांव में शक्ति सिंह के पास पहुंच गया। यहां प्रेम प्रसंग मामले में पपला ने गुरु शक्ति सिंह के साथ मिलकर फौजी संदीप की पिटाई कर दी। जिसका अंजाम ये हुआ कि कुछ दिन बाद ही शक्ति सिंह की हत्या कर दी गई। इसके कुछ दिन बाद ही साल 2014 में संदीप फौजी, मां, मामा और नाना की हत्या हो गया, जिसका आरोप पपला गुर्जर पर लगा। इसके बाद वह राजस्थान के मोस्ट वांटेड अपराधी की फेहरिस्त में शामिल हो गया।
साल 2016 में पपला गुर्जर अवैध हथियारों के साथ पकड़ा गया था। 18 सितंबर साल 2017 को पुलिस जब उसे पेशी पर लेकर जा रही थी, तब वह पुलिस कस्टडी से भाग गया था। फरार हो गया था। उस वक्त पुलिस ने पपला गुर्जर पर 5 लाख का इनाम घोषित किया था। साल 2018 में नेता जयराम गुर्जर की हत्या हुई थी, इसका बदला लेने के लिए पपला अलवर के बहरोड़ आया था। जहां पुलिस ने उसे दबोच लिया था। लेकिन, पपला के साथियों ने फिल्मी स्टाइल में बहरोड़ थाने पर हमला कर उसे छुड़ा लिया था। दो साल बाद पुलिस ने कोल्हापुर से पपला और उसकी गर्लफ्रेंड को गिरफ्तार किया था। पपला को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बाद में उसे अजमेर जेल से भौंडसी जेल में शिफ्ट किया गया था।