इसके लिए एरिया विस्तार बहुत जरूरी है। ऐसे में सरिस्का का सेंचुरी एरिया 1823 वर्ग किलोमीटर किया जाना चाहिए। यह दावा टाइगर ट्रेल्स ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है। अगर सेंचुरी एरिया बढ़ा तो वन्यजीवों को आवास बनाने में भविष्य में दिक्कतें नहीं आएंगी। अन्यथा फिर से सरिस्का एरिया का पुनर्निर्धारण करना होगा।
ये कहा याचिका में
याचिका में कहा गया है कि आगामी 25 वर्षों की टाइगर की संख्या को मद्देनजर रखते हुए सरिस्का टाइगर सेंचुरी का क्षेत्र 1823 वर्ग किमी होना चाहिए। ट्रस्ट अध्यक्ष एवं एडवोकेट स्नेहा सोलंकी का कहना है कि सेंचुरी में वर्तमान में 48 बाघ हैं। इसी गति से यह बढ़ते रहे तो आने वाले 15 वर्षों में इनकी संख्या 150 से अधिक हो जाएगी। इसलिए सेंचुरी क्षेत्रफल 492 वर्ग किमी व 2007 में नोटिफाइड किए गए सीटीएच क्षेत्र 389.11 वर्ग किमी को एक करते हुए 881 वर्ग किमी का सेंचुरी क्षेत्र घोषित किया जाए। सरिस्का सेंचुरी का 2012 में घोषित 332. 23 वर्ग किमी बफर क्षेत्र को सीटीएच घोषित कर दिया जाए। इस प्रकार कुल 1213.34 वर्ग किमी सरिस्का सेंचुरी का क्षेत्र हो जाएगा।
यह एरिया हो शामिल
सरिस्का बाघ परियोजना ने एनटीसीए को 607 वर्ग किमी बफर क्षेत्र घोषित करने के लिए अलवर वन मंडल से 286.81 वर्ग किमी, जयपुर उत्तर वन मंडल से 270.22 वर्ग किमी व दौसा वन मंडल से 50.62 वर्ग किमी वन भूमि को शामिल करने के लिए प्रस्ताव भिजवाए गए थे। इनको शामिल करने से सरिस्का टाइगर रिज़र्व का कुल क्षेत्रफल 1823 वर्ग किमी हो जाएगा।
इतनी जल्दी क्यों?
याचिका में यह भी कहा है कि सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने 25 बिंदुओं पर प्रदेश सरकार को सरिस्का के हित में काम करने के लिए कहा गया था, लेकिन काम उन बिंदुओं पर किया गया, जिससे कि बंद हुई सारी खानें खुल जाएं। क्योंकि क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट का पुनर्निर्धारण कर दिया गया और इस कार्य में इतनी तेजी दिखाई गई कि सब जगह से मंजूरी मिल गई। अगर यही गति दूसरे कामों के लिए भी होती तो सरिस्का में वन्यजीव के लिए सभी काम हो जाते।