—-साइबर फ्रॉड के लिए बदनाम था यह क्षेत्र नौगांवा थानाधिकारी भूपेन्द्रसिंह ने बताया कि रघुनाथगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र में साइबर फ्रॉड की लगातार शिकायत आ रही थीं। देश में कहीं भी साइबर अपराध होते थे, तो अपराधियों के मोबाइल की लोकेशन यहीं की आती थी। ऐसे में यहां साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। पुलिस की ओर से अपराधियों की लगातार धरपकड़ की जा रही थी। इस बीच, राजस्थान पत्रिका ने पत्रिका रक्षा कवच अभियान चलाया, तो उससे भी यहां के लोगों का मन बदला। पुलिस ने भी राजस्थान पत्रिका की खबरों का हवाला देते हुए रघुनाथगढ़ में लोगों को जागरूक किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाॅ. तेजपाल सिंह, सीओ सुनील शर्मा, रामगढ़ थाना अधिकारी डाॅ. विजेन्द्र सिंह, नौगांवा थाना अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आदि के प्रयास भी इस दिशा में मील का पत्थर साबित हुए।——–
ऐसे काम करेगी कमेटीसाइबर अपराध रोकने के लिए कमेटी के सदस्य इन गांवों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। कमेटी के सदस्य नेहपाल सिंह ने बताया कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए बनाई गई कमेटी पुलिस का सहयोग करेगी और लोगों को अपराध छोड़ने के लिए जागरूक करेगी। जल्द ही अलवर एसपी संजीव नैन भी रघुनाथगढ़ जाकर लोगों को जागरूक करेंगे, ताकि भविष्य में फिर से यहां के लोग साइबर अपराध की दुनिया में न आएं।
—-इस साल साइबर फ्रॉड के 30 मामले दर्ज इस साल जनवरी से 14 जून तक नौगांवा थाने में साइबर फ्रॉड के 30 मामले दर्ज हुए हैं। लगभग 60 अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें 10 आरोपी नाबालिग हैं, जिन्हें निरुद्ध किया गया।
———-साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए नौगांवा थाने पर अतिरिक्त पुलिस जाप्ते की तैनाती की गई थी। थाने को अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराए गए। अब ग्रामीण साइबर अपराध रोकने में सहयोग कर रहे हैं। लोगों ने कमेटियों का गठन कर अपराधों पर अंकुश लगाने की अच्छी कवायद की है।
– भूपेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी, नौगांवा