लक्ष्मणगढ़. कस्बे में पुरानी सब्जी मंडी के समीप संचालित महात्मा गांधी रावि भवन 45 वर्ष पुराना होने से खण्डर हो गया है। कार्यवाहक प्रधानाध्यापक दीप ङ्क्षसह ने बताया कि कक्षा 1 से 7वीं तक 92 विद्यार्थी और शिक्षक भय के साए में रहते हैं। भवन की दीवारों से चूना गिरता है, छत टपक रही है और गेट भी टूटे हुए हैं। भवन कभी भी ढह सकता है। सुरक्षा भी नहीं है। कई बार पत्र लिखकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की गई। गत दिनों ने एसडीएम महोकमङ्क्षसह ने विद्यालय के निरीक्षण के दौरान वैकल्पिक स्थान तलाशने के निर्देश दिए थे।
30 वर्ष से बंद था: यह भवन 10 वर्ष से बंद था। महात्मा गांधी रावि की घोषणा हुई तो इसी में संचालन शुरू कर दिया। पूर्व में यहां राउप्रावि संचालित था, लेकिन उसे राउमावि में विलय कर दिया। तब से ताला लटका हुआ था।
रामगढ़. पुराने व जर्जर भवन में संचालित राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ भवन की छत बारिश में टपकती है। कमरों की दीवारों में दरारें होने से पानी रिसता है। सीलन से करंट का डर रहता है। करीब 5 वर्ष से संचालित इस भवन में छह कमरे हैं जो सभी क्षतिग्रस्त हो चुके। शुरुआती सत्र में महाविद्यालय का संचालन बहादरपुर रोड पुराने सरकारी स्कूल में किया था। सफाई और शौचालय के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। सुरक्षा भी शून्य है। कॉलेज स्टाफ की परेशानी और छात्रों की मांग को राजस्थान पत्रिका के अलवर संस्करण में पहले भी उठाया था। इसके बाद कैंपस में सफाई व्यवस्था में सुधार तो हुआ, लेकिन सुरक्षा की ²ष्टि से कोई सुधार नहीं हुआ। यह ढिलाई 540 से अधिक विद्यार्थियों को भारी न पड़ जाए। अब यह डर सताने लगा है। कॉलेज प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी को भवन मरम्मत के लिए पत्र भी लिखा है। गोङ्क्षवदगढ़ रोड पर सरकार की ओर से आवंटित करीब दो हैक्टेयर भूमि पर 5 करोड़ 51 लाख 29 हजार रुपए की लागत से नया भवन तैयार होना था, लेकिन उस भूमि पर विवाद के चलते कार्य लंबित है। कुल 600 सीटों का यह महाविद्यालय हैं। कॉलेज में बालिकाओं की संख्या ज्यादा हैं।