ओडिशा साइबर सीआईडी क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस उप निरीक्षक के. शेखर ने बताया कि ओडिशा के पुरी के जगन्नाथ मंदिर में यात्रियों को ठहरने के लिए एक होटलनुमा भक्त निवास बना हुआ है। दोनों ठगों ने इस मंदिर की फर्जी वेबसाइट बनाई और यात्रियों के रुकने के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी।
बुकिंग के लिए 10 हजार रुपए ऑनलाइन डलवाते थे। पिछले दिनों जब कुछ यात्री जगन्नाथ पुरी के मंदिर की इस होटल में पहुंचे और अपना 108 नंबर रूम बुक होना बताया, तो वह रूम पहले से ही बुक था और उन्हें बताया गया कि हमारी इस तरह की कोई वेबसाइट नहीं है। जिसके बाद पीड़ित यात्रियों ने मामला दर्ज कराया।
फर्जी वेबसाइट बनाने वाले पूर्व में हो चुका गिरफ्तार
पुलिस ने पूर्व में वेबसाइट बनाने वाले आगरा निवासी अंशुमान शर्मा को गिरफ्तार किया था। वह वेबसाइट का होस्ट था। अंशुमान ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि युसूफ नाम का लड़का उसके पास आया था और खुद को जगन्नाथ पुरी मंदिर के होटल का मैनेजर बता कर भक्ति स्टे पुरी नाम की वेबसाइट बनवाई थी। उसने 20 हजार रुपए वेबसाइट बनाने के लिए थे। दोनों ठग फर्जी वेबसाइट पर न तो खुद होस्ट बने और न ही अपना कोई खाता अटैच किया। उन्होंने अंशुमान शर्मा को होस्ट बना दिया और यूपी के एक युवक को रोजगार देने के नाम पर उसका अकाउंट नंबर उसमें फीड कर दिया। पैसे निकालने के लिए उसका एटीएम अपने पास रख लिया।
क्लोन से बनाते थे लड़की की आवाज
साइबर ठग क्लोन के माध्यम से लड़की की आवाज बनाते थे। जिसके बाद वह बुकिंग कराने वाले कस्टमर के पास फोन करते और उन्हें बताते कि आपकी बुकिंग सक्सेस हो गई है और कमरा नंबर यह है। ओडिशा से गोविंदगढ़ आई पुलिस की टीम बुलाहेडी में आम नागरिक बनकर घूमती रही। ठगों के मोबाइल नंबर ऑन-ऑफ होते ही इनपुट लेते रही। मोबाइल की लास्ट लोकेशन बुलाहेडी गांव में आई थी। उसके बाद मोबाइल लगातार बंद आ रहा था। गोविंदगढ़ पुलिस ने मुखबिर के जरिए पता लगाया कि गांव का एक रिश्तेदार पिछले काफी समय से अपनी बहन के पास रहता है, जो भरतपुर और आगरा आता-जाता रहता है और गांव के लड़कों को खुद को होटल का मैनेजर बताता था और कहता था कि जब से कोरोना आया है, मैं घर बैठकर ही काम करता हूं। तब पुलिस उन तक पहुंची।