अलवर में एक युवती से बलात्कार के मामले में फरार चल रहे सीआरपीएफ के उप निरीक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ मार्च में बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था। उसके बाद से ही वह घर और कार्य स्थल दोनों से गायब चल रहा था। न्यायालय ने उसे फरार घोषित कर गिरतारी वारंट जारी किया था। जिसके बाद पुलिस ने इसे भगौड़ा घोषित कर दिया था।
सदर थाना प्रभारी रमेश सैनी ने बताया कि मार्च माह में शिक्षा विभाग में एलडीसी पद पर कार्यरत एक युवती ने प्रकरण दर्ज करवाया था कि विजय सिंह मीणा (32) पुत्र जगदीश प्रसाद मीणा वर्तमान निवासी विश्वकर्मा कॉलोनी, भूगोर ने पीड़िता को घर बुलाकर चाय पिलाई और उसके साथ रेप कर अश्लील फोटो व वीडियो बनाए लिए। फिर उन फोटो को वायरल करने की धमकी देकर बार-बार अलवर में अलग-अलग जगह ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। यही नहीं पीड़िता आरोप है कि विजय मीणा ने उसे भूगोर बाइपास पर अपने घर पर बुलाकर मारपीट भी की। एफआईआर के आधार पर थाना सदर ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ की।
बलात्कार करना हुआ प्रमाणित
सैनी ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल करवाया तथा इस घटना से जुड़े गवाहों के बयान लिखे। इस आधार पर आरोपी विजय सिंह मीणा के खिलाफ पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार करने का अपराध प्रमाणित हुआ। इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तारी के प्रयास किए गए, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचता रहा। करीब साढ़े तीन महीने वह पुलिस की गिरफ्तार से दूर रहा।
महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली में है तैनाती
आरोपी विजय मीणा सीआरपीएफ में उप निरीक्षक पद पर गढ़चिरौली, महाराष्ट्र में तैनात है। वहां भी संपर्क किया गया तो पता चला कि वह अनुपस्थित चल रहा है। इस पर उप निरीक्षक के विरुद्ध न्यायालय से वारंट प्राप्त कर आरोपी को पकड़ा गया है और फरार होने की वजह से उसे भगौड़ा घोषित किया गया।
थाना प्रभारी सैनी ने बताया कि सीआरपीएफ कमांडेट को हमने सूचना भेज रखी थी कि विजय मीणा बलात्कार का आरोपी है, अगर उसकी सूचना मिले तो हमें अवगत कराएं। विजय लंबे समय तक छुट्टी रहने के बाद जब वापस ज्वॉइनिंग के लिए गया तो उसे ड्यूटी पर नहीं लिया गया। वहां से हमें सूचना मिली थी कि वह दोबारा ज्वाइनिंग के लिए आया था, लेकिन उसे ड्यूटी पर नहीं लिया गया।। इसके बाद पुलिस लगातार विजय पर नजर रखे हुई थी। हमें सूचना मिली कि वह रूपबास स्थित अपने आवास पर है। इसके आधार पर उसे घर से ही गिरफ्तार किया गया है।