यूआईटी बनने के बाद से करीब तीन दशक में दो बार ही अध्यक्ष की तैनाती की गई है। बाकी समय में इसका चार्ज जिला कलक्टर्स के पास ही रहा है। संबंधित पार्टियों के नेताओं ने खूब जोर आजमाइश की, लेकिन किसी को पार्टियों ने तरजीह नहीं दी। यानी इस कुर्सी पर नहीं बैठाया। मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी पर भी नसरू खान व जुबेर खान बैठे थे, बाकी समय यह पद भी खाली रहा।
नगर निगम के चुनाव देरी से होने के चलते सरकार ने निगमों में जिला कलक्टर को प्रशासक बना दिया। अब सरस डेयरी के अध्यक्ष का पद भी खाली हो गया। उसका जिम्मा भी सरकार ने जिला कलक्टर को दे दिया। यानी इन विभागों के समुचित निर्णय लेने की जिम्मेदारी दे दी गई। जिला कलक्टर केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार की अधिकांश योजनाओं में अध्यक्ष होते हैं। इसके अलावा सीएम व पीएम के 15 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा करते हैं। कानून व्यवस्था से लेकर तमाम जिम्मेदारियां कलक्टर के पास हैं।
तीन पदों के लिए कई चेहरे लाइन में
यूआईटी, सरस डेयरी व मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए भाजपा के कई नेता लाइन में लगे हैं। बड़े नेताओं की शरण ले रहे हैं, सिफारिशें करवा रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि सरस डेयरी के बोर्ड का गठन जल्द हो सकता है। अध्यक्ष की तैनाती होगी। इसके अलावा यूआईटी को भी अध्यक्ष मिल सकता है। नगर निगम मेयर की तैनाती चुनाव के बाद ही होगी। चुनाव नवंबर या दिसंबर में होने की संभावना है।