पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ाती, इससे पहले ही रात करीब 8 बजे सराय कला गांव के सुनसान मकान में तूड़ा भरने के कमरे में लोकेश का शव बरामद हो गया। अगले दिन 20 जुलाई को पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और 21 जुलाई को मृतक बालक लोकेश के सगे चाचा 26 वर्षीय मनोज उर्फ बिल्लू प्रजापत को शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मनोज ने जो बताया, उसे सुनकर पुलिस अधिकारियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई।
मनोज ने बताया कि मेरी पत्नी किसी बात पर खफा होकर कुछ दिन पहले मायके चली गई और लौट कर नहीं आई। मनोज चाहता था कि पत्नी उसके वश में रहे। किसी के कहने पर वह खानपुर अहीर निवासी तांत्रिक सुनील पुत्र यादराम से मिला। तांत्रिक ने मनोज से कहा कि मैं गारंटी लेता हूं कि तुहारी पत्नी तुहारे वश में हो जाएगी। फिर कभी नाराज होकर मायके नहीं आएगी, लेकिन इसके लिए तुमको एक बच्चे की बलि देनी होगी। साथ ही मुझे 12 हजार रुपए भी देने होंगे। शनिवार को भोग के लिए बच्चे का खून और कलेजी लेकर आ जाना। मनोज तांत्रिक की बातों में आ गया और उसने अपने भतीजे लोकेश की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी तांत्रिक सुनील को भी गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर कुछ इंजेक्शन भी बरामद किए हैं। मुंडावर थाना प्रभारी महावीर सिंह शेखावत ने बताया कि मृतक बालक लोकेश के शरीर पर सूई चुभोने जैसी चोटों के निशान मिले थे। मनोज से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने लोकेश के शरीर से इंजेक्शन से खून निकलने का प्रयास किया था। ग्रामीणों को इस बारे में पता चला तो मनोज ने लोकेश के शव को तूड़े से भरे एक कमरे में छिपा दिया, ताकि बाद में वह बच्चे का खून एवं कलेजी निकाल सके, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर लिया।