बताया जा रहा है कि बच्चे के परिजन कपड़े पहनने के लिए पानी से बाहर आए थे। इस बीच हादसा हो गया। लेकिन डीजे की तेज आवाज के कारण किसी को बच्चे की चीखें सुनाई नहीं दी। बाद में परिजन बच्चे को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल लेकर आए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में शिफ्ट कर दिया गया। इस संबंध में पुलिस ने वाटर पार्क संचालक और मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जिम्मेदारों की गिरफ्तारी पर अड़े लोग
लोगों ने बताया कि जब उन्होंने पार्क की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए तो गार्डों ने बदसलूकी करते हुए धमकी दी। परिजनों का कहना था कि वाटर पार्क में लोगों से मोटी फीस ली जाती है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। बालक की मौत के बाद भी संवेदना जताने के स्थान पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इस दौरान उनकी कोई मदद भी नहीं की गई। वे खुद के स्तर पर बच्चे अस्पताल लेकर गए।
इससे आक्रोशित परिजन व अन्य लोग शाम को सामान्य अस्पताल के गेट पर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि मामले में बालक की मौत के जिम्मेदार की गिरफ्तारी के साथ ही वाटर पार्क को सील किया जाए। करीब 30 मिनट के धरने के बाद कोतवाली और सदर थाना पुलिस ने परिजनों से समझाइश कर धरना समाप्त कराया।