पुलिस के अनुसार, तीन महीने पहले करौली निवासी और सरकारी शिक्षक कुलदीप मीणा को पकड़ा गया था। हाल ही में उसका छोटा भाई प्रदीप भी गिरफ्त में आ गया है। दोनों के बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिलने पर उन्हें जेल भेजा गया है। पुलिस ने आरोपियों और उनके रिश्तेदारों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।
अपने ठिकाने और हुलिया बदल रहा
क्लॉक टावर थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि फरार कांस्टेबल पवन मीणा लगातार अपने ठिकाने और हुलिया बदल रहा है। वह न तो अपने रिश्तेदारों से संपर्क कर रहा है और न ही पुराने परिचितों से। इस वजह से पुलिस के लिए उसकी लोकेशन ट्रैस करना बड़ी चुनौती बनी हुई है।
ऐसे सामने आया मामला
यह पूरा मामला तब सामने आया जब मदनगंज-किशनगढ़ में तैनात कांस्टेबल दीपक वैष्णव ने शिकायत दर्ज करवाई। आरोप था कि पवन और उसके भाई कुलदीप ने पुलिसकर्मियों को यह कहकर फंसाया कि हाइवे मास्टर प्लान में शामिल होने वाली जमीनें उनके रिश्तेदारों की हैं और उन्हें सस्ते दामों पर दिलवाकर दोगुना-तिगुना मुनाफा कराया जा सकता है। इस लालच में कई पुलिसकर्मियों ने करोड़ों रुपए का निवेश कर दिया।
100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को ठगा
पुलिस की जांच में सामने आया कि पवन ने 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों से 50 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की। वह दावा करता था कि एक कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने पर चार गुना मुनाफा मिलेगा और कुछ ही महीनों में सभी करोड़पति बन जाएंगे। उसके झांसे में आकर कई पुलिसकर्मियों ने घर-जमीन तक बेच दी, पत्नी के गहनों पर लोन उठाया और मोटी रकम निवेश कर दी।
एक पुलिसकर्मी ने तो अकेले ही 1 करोड़ रुपए दिए। पुलिस अब फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर चुकी है। क्लॉक टावर पुलिस का कहना है कि जल्द ही पवन को गिरफ्तार कर पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा।