Pushkar: एक लाख महिला श्रद्धालुओं ने मांगी अखंड सुहाग की मनोकामना, रत्नागिरी पहाड़ी में छाई सतरंगी छटा
सावित्री मंदिर पर पहुंचने के लिए 980 सीढ़ियां हैं। रत्नागिरी पहाड़ी की ऊंचाई करीब 1000 फीट है। शनिवार के दिन करीब 1 लाख महिला श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
सावित्री मां के दर्शन के लिए रत्नागिरी पर जाती महिला श्रद्धालु (ड्रोन फोटो- जय मखीजा)
अजमेर। पुष्कर सरोवर के पास रत्नागिरी पहाड़ी की चोटी पर स्थित जगत पिता ब्रह्मा की धर्मपत्नी एवं सुहागिन दात्री माता सावित्री मन्दिर में शनिवार को दर्शन के लिए महिला श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। ब्रह्म मुहूर्त से महिला श्रद्धालुओं का पहाड़ी पर चढ़ना शुरू हुआ जो मध्यरात्रि तक जारी रहा। इस दौरान पूरी पहाड़ी सतरंगी छटा से निखर गई।
एक-दूसरे को बिंदी लगाती महिला श्रद्धालु (फोटो-जय मखीजा) कतारबद्ध लाल-पीले-हरे परिधान पहनी महिलाएं यहां पहुंची। मान्यता अनुसार राजपूत समाज की महिलाएं, युवतियां सुहाग की सामग्री अर्पित कर सावित्री मन्दिर में अखण्ड सुहाग की मनोकामना मांगती हैं। वहीं एक दूसरे के ललाट पर लाल बिंदिया लगाई जाती है।
आज लगेगा मेला
सावित्री मंदिर पर पहुंचने के लिए 980 सीढ़ियां हैं। रत्नागिरी पहाड़ी की ऊंचाई करीब 1000 फीट है। शनिवार के दिन करीब 1 लाख श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। मंदिर तक पहुंचने के लिए रोप-वे की सुविधा भी है, लेकिन अधिकांश श्रद्धालुओं की पैदल ही आवाजाही रही। आज शाम को पहाड़ी की तहलटी में रत्नागिरि का मेला लगेगा।
रत्नागिरी पहाड़ी का मनोरम दृश्य (ड्रोन फोटो- जय मखीजा)
भजनों की रही धूम
रात्रि को मंदिर परिसर में कस्बे की भजन मंडलियों ने भजनों की प्रस्तुति दी। सैकडों की संख्या में रात्रि जागरण कर रही सुहागिनों ने मेहंदी रचाकर मंगल गीत गाए। सुहागिनों ने माता के चरणों में मेहंदी, सिन्दूर, कंगन, चूडियां, वस्त्र, सुहाग पिटारी भेंट कर सौभाग्य व दीर्घायु की कामना कर श्रीफल पुष्प माला अर्पित किए। पुजारी कैलाश मिश्र परिवार की ओर से रविवार को प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में माता विग्रहों की आरती उतारी गई।
लाइटें शुरू करा पेयजल के इंतजाम कराए
नगरपरिषद आयुक्त जनार्दन शर्मा ने मौके का निरीक्षण कर श्रद्धालुओं की सुविधार्थ पहाड़ी पर लाइटें शुरू करा टैंकरों से पेयजल व्यवस्था करवाई। पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा। जलदाय विभाग की ओर से कस्बे में पूरे दिन पेयजल आपूर्ति जारी रखी गई।
राजपूत समाज की ओर से चौबीसों घंटे नींबू की शिकंजी, पेयजल की बोतलें, फल,चाय-नाश्ते आदि की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। हालांकि बरसात होने से श्रद्धालुओं को कुछ परेशानी भी हुई। रविवार को कस्बेवासी एवं नवयुगल सावित्री पहाड़ी पर माता मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। पहाड़ी की तलहटी में शाम को मेला लगेगा।
मंदिर का पौराणिक महत्व
सृष्टि यज्ञ के दौरान विलंब से पहुंचने पर ब्रह्मा ने गाय के मुख से गायत्री माता का प्राकट्य किया था। यज्ञ शुरू होने पर माता सावित्री ने मंडल में अन्य महिला के साथ उन्हें बैठा देखा तो क्रोधित होकर ब्रह्मा को शापित करते हुए रत्नागिरी पहाडी पर रूठ कर बैठ गई थीं। ब्रह्मा-गायत्री ने सृष्टि यज्ञ पूरा किया था। यही कारण है कि ब्रह्मा मंदिर में गायत्री की पूजा की जाती है तथा वर्ष में एक बार भादव मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सावित्री माता की पूजा पहाड़ी पर बने मंदिर में जाकर की जाती है।
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