वे शनिवार को गुजरात विद्यापीठ में राष्ट्रीय एकता शिविर के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, कोई युवक वृक्षारोपण, कोई जल संरक्षण, कोई नशामुक्ति तो कोई पशु नस्ल सुधार का कार्य पसंद करे। आप अगर किसी गरीब बेटे-बेटी को पढ़ाकर सक्षम बनाओगे तो पूरे परिवार को सशक्त करोगे।
उन्होंने राष्ट्रीय एकता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि पहलगाम के आतंकवादी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया, वह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ संकल्पशक्ति और देश की अटूट एकता का परिणाम है। इस घटना ने सिद्ध कर दिया कि जब राष्ट्र पर संकट आता है, तब हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध सभी एक परिवार बन जाते हैं। यही भारत की सच्ची ताकत है।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि, ज़हरमुक्त प्राकृतिक खेती अपनाकर धरती माता, गौ माता, पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करें। यह मानवता की सच्ची सेवा है। गुजरात विद्यापीठ के कुलपति डॉ. हर्षद पटेल ने कहा कि महात्मा गांधी ने जिस समाज सेवा का सपना देखा और उस पर अमल किया, उसे राष्ट्रीय सेवा योजना पूरी तरह निभा रही है।
एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक कमल कुमार कर ने कहा कि भारत की विविध संस्कृतियां एकता का ही संदेश देती हैं। सात दिवसीय शिविर में थीम आधारित कार्यशालाएं, चर्चा सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इस भावना को और मजबूत किया जाएगा। गुजरात के 2 लाख सहित देश के 40 लाख से अधिक विद्यार्थी एनएसएस से स्वयंसेवक के रूप में जुड़े हैं। शिविर 12 जून तक चलेगा।
100 तेजस्वी विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष मिलेगी ‘कुलाधिपति छात्रवृत्ति’
अहमदाबाद. गुजरात विद्यापीठ में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना की राष्ट्रीय एकता शिविर के उद्घाटन समारोह में गुजरात के राज्यपाल और गुजरात विद्यापीठ के कुलाधिपति आचार्य देवव्रतजी ने ‘कुलाधिपति शिष्य अभ्यास लब्धि (कुशल) योजना की शुरुआत की। उन्होंने इसके लोगो का अनावरण किया गया। ‘कुशल’ योजना के तहत, आगामी शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स के 100 तेजस्वी और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष ‘कुलाधिपति छात्रवृत्ति’ प्रदान की जाएगी। इसके लिए गुजरात विद्यापीठ द्वारा वार्षिक 10 लाख रुपए की वित्तीय व्यवस्था की गई है। गुजरात विद्यापीठ मंडल द्वारा 21 मार्च को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया।