गुजरात के समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर जे रंजीथकुमार ने सोमवार को गुजरात के स्कूल आयुक्त को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें बताया कि गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1972 के तहत बच्चे के स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र का प्रारूप तय किया गया है।
इस प्रारूप में अब तक बच्चे की सरनेम को बच्चे के नाम के आगे लिखा जाता है। सरनेम के बाद बच्चे का नाम और उसके पीछे बच्चे के पिता का नाम लिखा जाता है। इस प्रारूप और प्रथा (पद्धति) में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब से राज्य की सभी सरकारी, प्राइमरी एवं माध्यमिक स्कूलों में बच्चा एक स्कूल से दूसरी स्कूल में प्रवेश लेता है तो उस समय वह जिस स्कूल को छोड़ रहा है, वहां से उसे स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एलसी) दिया जाता है। इस स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट में बच्चे का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, सरनेम, जन्मतिथि की जानकारी होती है। अभी अपार आईडी को बनाने का कार्य चल रहा है। इसके तहत आधार कार्ड के साथ बच्चों के नाम को मैप किया जा रहा है।
जून 2025 से करना होगा अमल
यह सभी बात ध्यान में लेते हुए निर्णय किया गया है कि जून 2025 से जिस भी बच्चे का स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनाकर दिया जाए, या फिर बच्चे को स्कूल में नया प्रवेश दिया जाए तब बच्चों के जनरल रजिस्टर में उसका नाम दर्ज करते समय बच्चे का पूरा नाम लिखा जाए और अंत में सरनेम का लिखा जाए। इस संबंध में यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अपार आईडी, आधारकार्ड और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट दस्तावेज में बच्चे के नाम में एकरूपता रहे। इस संबंध में जरूरी कार्यवाही करने के लिए स्कूल आयुक्त कार्यालय के स्कूल निदेशक को कदम उठाने के लिए कहा गया है।