गांंव का नहीं हुआ विकास, इसलिए उतरना पड़ा
जया ने कहा कि मेरी समधन भावना नंदवाणा पिछले 10 साल से सरपंच हैं, फिर भी गांव का विकास नहीं हुआ। इसलिए मुझे चुनाव मैदान में उतरना पड़ा।डॉ. नफीसा राजकोट की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत की सरपंच बनीं, 550 मतों से जीतीं चुनाव
राजकोट. जिले की सबसे बड़ी सणोसरा ग्राम पंचायत में मुस्लिम महिला डॉ. नफीसा सेरसिया 550 मतों से चुनाव जीतकर सरपंच बनीं।राजकोट जिला भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष और सणोसरा गांव की महिला सरपंच के पति यूनुस सेरसिया ने बताया कि डॉक्टर पत्नी ने ग्राम पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए उम्मीदवारी दर्ज की थी। गांव में कुल 2100 मत हैं और 550 मतों से जीत मिली है।
उन्होंने बताया कि हिंदू मतदाताओं ने वोट दिया, इस कारण मेरी पत्नी चुनाव जीतीं। राजकोट तहसील भाजपा की टीम ने भी सहयोग दिया। सभी को साथ लेकर गांव के विकास को आगे बढ़ाएंगे।
राजकोट तहसील पंचायत के अध्यक्ष चेतन कथीरिया ने बताया कि सणोसरा गांव में मुस्लिम महिला को समर्थन दिया। भाजपा समर्थित पैनल की महिला उम्मीदवार डॉ. नफीसा की 550 मतों से जीत हुई। पूरा गांव एकजुट है और सभी समुदाय के लोगों के साथ मिलकर गांव का विकास करेंगे।
द्वारका के दखनादा बारा में लॉटरी से हुआ फैसला
जामनगर. द्वारका के दखनादा बारा में दो प्रत्याशियों के बीच बराबरी हुई और लॉटरी से फैसला हुआ।देवभूमि द्वारका जिलेे की खंभालिया तहसील के दखनादा बारा गांव में वार्ड नंबर 5 की दोनों महिला उम्मीदवारों को समान 58-58 वोट मिले। दोनों पक्षों की सहमति के बाद लॉटरी निकाली गई। इसमें हंसाबा कनुभा जडेजा को विजेता घोषित किया गया।
ईश्वरिया गांव में सरपंच बनीं 80 साल की मोतीबेन
भावनगर जिले की वडिया तहसील के ईश्वरिया गांव में 80 वर्षीय महिला मोतीबेन डाया सौंदरवा ने सरपंच पद पर जीत हासिल की।कच्छ जिले की माता के मढ़ ग्राम पंचायत के सरपंच पद पर मुस्लिम नेता कासम कुंभार को सरपंच पद के लिए विजेता घोषित किया गया। इसके बाद उन्होंने आशापुरा माता के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया।