अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि मुस्लिम समुदाय से संंबंध रखने वाले एक ब्रेन डेड मरीज के चार अंगों का गुप्त दान किया है। इनमें दो किडनी, एक लिवर और पेंक्रियाज शामिल हैं। डॉ. जोशी का मानना है कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। सभी धर्मों के लोग अब अंगदान के महत्व को जानते हैं। यही कारण है कि हरेक जाति-धर्म के लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है।डॉ. जोशी के अनुसार गुजरात बाहर के एक युवक को पिछले दिनों उपचार के लिए सिविल अस्पताल लाया गया था। इस युवक के सिर में गंभीर चोट लगी हुई थी। काफी उपचार के बावजूद जब युवक की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उसकी विशेष जांच की गई।रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सकों ने मंगलवार को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। चिकित्सा टीम के परामर्श के बाद परिजनों ने अंगदान का निर्णय किया। अंगदान से मिले चार अंगों का सिविल अस्पताल कैंपस के ही इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) में अन्य मरीजों में प्रत्यारोपण किया।
अब तक दान में मिल चुकीं हैं 376 किडनी
सिविल अस्पताल में पिछले लगभग चार वर्षों में दान में मिले 678 अंगों में से सबसे अधिक 376 किडनी हैं। जबकि 181 लिवर, 66 हृदय, 32 फेफड़े, 15 पेंक्रियाज, छह हाथ, दो छोटी आंत भी दान में मिल चुकी हैं। इसके अलावा 22 त्वचा भी दान में मिली हैं। इन अंगों से 659 लोगों को नई जिंदगी मिली है।