पीड़ा सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं
संघवी ने कहा कि इन विस्थापित लोगों की पीड़ा सुनकर आंखों से आंसू नहीं रुकते, रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पाकिस्तान में हुए अत्याचारों में किसी बहन ने पति को खो दिया, तो किसी को जलता हुआ घर छोड़कर निकलना पड़ा। ऐसी स्थिति में इन लोगों ने वहां वर्षों बिताए। इन सभी लोगों की सहनशक्ति को नमन है।एक चिकित्सक बेटी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब इस बेटी को प्रैक्टिस शुरू करनी थी, तब उन पर अत्याचार शुरू हुए और उन्हें माता-पिता के साथ विस्थापित होना पड़ा।
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ अत्याचार और क्रूर व्यवहार क्यों किए जाते हैं? उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नरेंद्रभाई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए के माध्यम से कई लोगों के जीवन को बचाने का कार्य किया है।
मानवाधिकार का पालन देखने आएं दुनिया के लोग
संघवी ने कहा कि ऐसे देश से आए ये मूल रूप से भारत के लोग वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखने वाले भारत देश के नागरिक बने हैं। आज जब देश-दुनिया में मानवाधिकारों की चर्चा होती है, तो मानवाधिकार का पालन कैसा होता है, यह देखना हो तो दुनिया के लोगों को भारत और गुजरात में आना चाहिए।सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के प्रशासन को निर्देश
उन्होंने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों को भविष्य में सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के प्रशासन को निर्देश दिए। संघवी ने लाभार्थियों को कहा कि आपको पाकिस्तान में अपने स्वजनों या सगे-संबंधियों को छोड़कर आना पड़ा, लेकिन हम सभी आपके साथ हैं, हम सभी आपका परिवार हैं। आपके बच्चों को भविष्य में भारत में आगे बढ़ने के समान अवसर प्राप्त होंगे।भारतीय नागरिकता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने पर जताई खुशी
इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों ने खुशी जताई। पाकिस्तान से विस्थापित हुई महिला आशा बेचरभाई ने कहा कि आज से मैं भारतवासी और भारत देश के परिवार का एक अनूठा हिस्सा बन गई हूं। मुझे यहां की नागरिकता मिलने से बहुत खुशी हुई है। मैं सुरक्षा और सलामती का अनुभव करती हूं और आज से मैं भारतीय के रूप में जानी जाऊंगी, जिसकी मुझे बहुत खुशी है।वर्षों की अभिलाषा पूरी हुई : भावना
भावना महेश्वरी को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र मिलने से उनकी वर्षों की अभिलाषा पूरी हुई। उन्होंने कहा कि अब मैं गर्व के साथ कह सकती हूं कि मैं भारतीय नागरिक हूं। 10 वर्षों से राजकोट में रहकर और 8 वर्षों से नौकरी कर मैं आत्मनिर्भर बनी हूं। यदि मैं पाकिस्तान में रहती, तो आज मैं इतना अच्छा जीवन नहीं जी रही होती। भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में प्रशासन और सरकार ने मेरी बहुत मदद की है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी की सराहना करती हूं।इस अवसर पर लाभार्थियों ने यह प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गुजरात सरकार का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में डिप्टी रजिस्ट्रार जनरल राजेश मालवीय, राजकोट के जिला कलक्टर डॉ. ओमप्रकाश, जिला विकास अधिकारी आनंद सुरेश गोविंद, महापौर नयना पेढड़िया, जिला पंचायत की अध्यक्ष प्रवीणा रंगाणी, विधायक उदय कानगड, रमेश टीलाला, डॉ. दर्शिता शाह, दुर्लभजी देथरिया, पुलिस आयुक्त ब्रजेशकुमार झा उपस्थित रहे।