वीडियो बना ‘26 बनाम 2600′ की कही थी बात
जानकारी के अनुसार, मनोज चौधरी ने एक 20 सेकंड का वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में वह पहलगाम हमले का हवाला देते हुए ’26 बनाम 2600′ की बात कर रहा था और अप्रत्यक्ष रूप से गुलफाम की हत्या की जिम्मेदारी लेता दिख रहा था। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और आईटी सेल की मदद से वीडियो बनाने और शेयर करने वाले तक पहुंचने में सफलता हासिल की। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मनोज चौधरी को पकड़ने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के 21 जिलों में दबिश दी गई। आखिरकार उसे गिरफ्तार नहीं बल्कि हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई है। आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने पुष्टि की है कि जो व्यक्ति हिरासत में लिया गया है, वही वीडियो वायरल करने के पीछे है। फिलहाल उससे गहन पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने वीडियो क्यों बनाया और इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं थी।
क्या है गुलफाम मर्डर केस की पूरी कहानी
बात करें गुलफाम मर्डर केस की, तो यह वारदात 24 अप्रैल की रात को हुई थी। गुलफाम अपने चचेरे भाई शाहिद के रेस्टोरेंट में काम करता था। रात लगभग साढ़े 11 बजे, जब वह और उसका साथी सैफ अली रेस्टोरेंट बंद कर रहे थे, तभी दो अज्ञात व्यक्ति वहां पहुंचे। गुलफाम ने उनसे सहजता से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनमें से एक ने पैंट की बेल्ट से कट्टा निकालकर सीधे गुलफाम पर गोली चला दी। वहीं दूसरे हमलावर ने सैफ अली पर फायर किया मगर गोली उसे छूते हुए निकल गई। घटना के बाद तुरंत पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस मौके पर पहुंची और घायल गुलफाम को पहले शांति मांगलिक अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज भेजने की सलाह दी। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने गुलफाम को मृत घोषित कर दिया।