दुनिया में 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है। (फोटो: IANS/Patrika.com)
World Refugee Day 2025: दुनिया भर के लोग 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाते हैं। यह उन शरणार्थी लोगों को अधिकार और सम्मान देने का दिन जो युद्ध, उत्पीड़न या प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए अपना देश छोड़ कहीं और शरण लेने के लिए मजबूर होते हैं। हर साल दुनिया भर में लाखों लोग अपने घरों को छोड़ कहीं सुरक्षित जगह पर नए जीवन की तलाश में निकल पड़ते हैं। इस साल विश्व शरणार्थी दिवस पर इसकी थीम “शरणार्थियों के साथ एकजुटता” रखी गई है, जिसमें एकजुटता का मतलब है शरणार्थियों को सिर्फ शब्दों से नहीं बल्कि कामों से भी सम्मान देना।
विश्व शरणार्थी दिवस पहली बार 20 जून 2001 को शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित 1951 कन्वेंशन की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विश्व स्तर पर मनाया गया। इसका मकसद राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधनों को जुटाना भी है ताकि शरणार्थी न सिर्फ जीवित रह सकें बल्कि फल-फूल सकें। दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया। इसके पहले इसे मूल रूप से अफ्रीका शरणार्थी दिवस के रूप में जाना जाता था।
123 मिलियन से ज्यादा जबरन विस्थापितों की आबादी
वैश्विक अनिश्चितता के दौर में जब लोग अपने स्वार्थ को मानवता से ज्यादा महत्व देते हैं तो जबरन विस्थापित लोगों की संख्या बढ़ती है, जो आज के समय में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनियाभर में जबरन विस्थापित 123 मिलियन से अधिक लोग हैं। इन लोगों को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए डब्ल्यूएचओ कहता है कि स्वास्थ्य एक मौलिक मानव अधिकार है, जो सम्मान, सुरक्षा और समावेश के लिए जरूरी है। इसलिए वो विस्थापित लोगों के साथ एकजुटता में खड़ा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हर मिनट में 20 लोग युद्ध के चलते जबरन विस्थापन का शिकार हो जाते हैं। इस समय दुनिया के कई मुल्कों के बीच जंग चल रही है। यूक्रेन और रूस (Russia-Ukraine War) का युद्ध 3 साल से भी ज्यादा समय से चल रहा है। ईरान और इजरायल (Israel-Iran War) के बीच भी जंग छिड़ गई है। इन युद्धों में बड़े पैमाने पर जनधन की बर्बादी होती है।
दुनिया में 12 करोड़ से कम आबादी वाले देश
दुनिया में बहुत सारे मुल्क ऐसे हैं जहां जबरन विस्थापितों की दुनिया में कुल आबादी से कम वाले कई देश हैं। दुनिया में वेटिकन सिटी, नाउरु, तुवालू, सेंट बार्थेलेमी, वालिस और फ्युटुना और मोंटसेराट ऐसे देश हैं, जहां की आबादी 12 करोड़ से कम हैं। दुनिया का सबसे कम आबादी वाला देश वेटिकन सिटी है जिसकी आबादी लगभग 496 है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जबरन विस्थापितों की कुल आबादी से करीब 2 लाख, 41 हजार 935 से ज्यादा देश आबाद हो सकते हैं।
कई तरह के कार्यक्रमों का होता है आयोजन
शरणार्थियों के लिए बने संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के मुताबिक, हर साल विश्व शरणार्थी दिवस पर दुनिया भर के कई देशों में शरणार्थियों के समर्थन में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन गतिविधियों का नेतृत्व शरणार्थी स्वयं करते हैं या उनमें सरकारी अधिकारी, मेजबान समुदाय, कंपनियां, मशहूर हस्तियां और स्कूली बच्चे शामिल होते हैं।
Hindi News / World / विश्व शरणार्थी दिवस 2025: युद्ध से 1 मिनट में 20 लोग होते हैं विस्थापित, इनकी कुल आबादी से हजारों वेटिकन सिटी हो सकते आबाद