क्या है चिकनगुनिया वायरस?
चिकनगुनिया एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी और एडीज एलबोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलती है। इन मच्छरों को डेंगू और जीका वायरस फैलाने के लिए भी जाना जाता है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में असहनीय दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है, खासकर कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए।
कहां है सबसे ज्यादा खतरा?
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, रीयूनियन आइलैंड, मयोत्ते और मॉरीशस जैसे क्षेत्रों में चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रीयूनियन आइलैंड में अनुमानित रूप से एक-तिहाई आबादी इस वायरस से प्रभावित हो चुकी है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण टाइगर मच्छर (एडीज एलबोपिक्टस) अब उत्तरी क्षेत्रों में भी पहुंच रहा है, जिससे यह वायरस नए इलाकों में फैल रहा है।
क्यों है चिंता का विषय?
WHO के विशेषज्ञों का कहना है कि चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू और जीका जैसे अन्य वायरसों से मिलते-जुलते हैं, जिसके कारण इसका निदान करना चुनौतीपूर्ण है। इसके अलावा, उन क्षेत्रों में जहां लोगों की इम्युनिटी कम है, यह वायरस तेजी से तीन-चौथाई आबादी को अपनी चपेट में ले सकता है। वर्तमान में इस वायरस का कोई विशेष टीका या इलाज उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण बचाव ही एकमात्र उपाय है।
भारत में स्थिति
भारत में अभी तक चिकनगुनिया के बड़े पैमाने पर मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्क रहने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां मच्छरों का प्रकोप ज्यादा है, वहां विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।