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मिसाइल हमलों से बचाएगा ‘Golden Dome’, ट्रंप की नई रक्षा रणनीति, जानिए खासियत

Golden Dome Missile Defense Shield: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक घोषणा की है। उन्होंने देश के 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन का जिक्र करते हुए कहा, मिसाइल हमले से बचाव के लिए ये तकनीक पहले उपलब्ध नहीं थी, लेकिन अब अमेरिका गोल्डन डोम मिसाइल डिफेंस शील्ड की मदद से विदेशी मिसाइल हमलों से बचाव करेगा।

भारतMay 21, 2025 / 02:04 pm

Devika Chatraj

Donald Trump Golden Dome

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘गोल्डन डोम’ की घोषणा की। (फोटो – ANI, पत्रिका)

Golden Dome Missile: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी दूसरी पारी में एक क्रांतिकारी मिसाइल रक्षा प्रणाली ‘गोल्डन डोम’ की घोषणा की है। यह परियोजना अमेरिका को बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलों जैसे आधुनिक खतरों से बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है। ट्रंप ने इसे “21वीं सदी की ढाल” करार देते हुए दावा किया है कि यह विश्व की सबसे उन्नत रक्षा प्रणाली होगी। इस परियोजना को 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसकी अनुमानित लागत 175 बिलियन डॉलर से अधिक हो सकती है।

‘गोल्डन डोम’ की खासियतें

मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम: गोल्डन डोम इजरायल के आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन यह उससे कहीं अधिक शक्तिशाली और व्यापक होगा। यह प्रणाली शॉर्ट-रेंज, मीडियम-रेंज और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) को नष्ट करने में सक्षम होगी। इसमें लेजर-आधारित हथियार और काइनेटिक इंटरसेप्टर्स का उपयोग होगा।
स्पेस-बेस्ड सेंसर नेटवर्क: गोल्डन डोम में अंतरिक्ष में तैनात सैटेलाइट्स का एक विशाल नेटवर्क शामिल होगा, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों, ड्रोन्स और अन्य उन्नत हथियारों का रीयल-टाइम में पता लगाएगा। ये सैटेलाइट्स इन्फ्रारेड और रडार तकनीकों से लैस होंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): इस प्रणाली में AI का व्यापक उपयोग होगा, जो मिसाइलों की गति, दिशा और प्रक्षेप पथ का विश्लेषण कर तुरंत जवाबी कार्रवाई करेगा। यह तकनीक गलत अलार्म को कम करने और सटीकता बढ़ाने में मदद करेगी।
सुरक्षा का दायरा: शुरूआत में यह प्रणाली व्हाइट हाउस, पेंटागन, न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स जैसे प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करेगी।

भविष्य में इसे पूरे अमेरिका और संभवतः नाटो, इजरायल, जापान, भारत जैसे सहयोगी देशों तक विस्तारित किया जा सकता है।
स्पेसएक्स और प्राइवेट सेक्टर की भूमिका: इस मेगा प्रोजेक्ट में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स, पालंतिर और एंडुरिल जैसी टेक कंपनियां अहम भूमिका निभाएंगी। स्पेसएक्स 1000 से अधिक सैटेलाइट्स लॉन्च करेगा, जो स्टारलिंक नेटवर्क की तरह काम करेंगे, लेकिन सैन्य उद्देश्यों के लिए।

ट्रंप का दृष्टिकोण

व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा, “रोनाल्ड रीगन ने 1980 में स्टार वॉर्स प्रोग्राम का सपना देखा था, लेकिन अब हमारे पास तकनीक और इच्छाशक्ति है। गोल्डन डोम अमेरिका को अभेद्य बनाएगा।” उन्होंने इसे चीन, रूस और अन्य संभावित खतरों के खिलाफ एक “गेम-चेंजर” बताया। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि यह प्रणाली न केवल रक्षा बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी अमेरिका को मजबूत स्थिति देगी।

वैश्विक और घरेलू प्रतिक्रियाएं

वैश्विक प्रभाव: रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि गोल्डन डोम की शुरुआत वैश्विक स्तर पर हथियारों की होड़ को बढ़ावा दे सकती है। रूस और चीन पहले ही हाइपरसोनिक मिसाइलों और अन्य उन्नत हथियारों पर काम कर रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस परियोजना को “उकसाने वाला” करार दिया है, जबकि चीन ने अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
घरेलू विवाद: डेमोक्रेटिक नेताओं ने इस परियोजना की लागत और स्पेसएक्स जैसी निजी कंपनियों के चयन पर सवाल उठाए हैं। सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने इसे “महंगा और जोखिम भरा” कदम बताया है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना तकनीकी रूप से जटिल है और इसमें कई साल लग सकते हैं।
सहयोगी देशों की रुचि: कनाडा, यूके और इजरायल ने इस प्रणाली में रुचि दिखाई है। भारत ने भी इस परियोजना पर नजर रखने की बात कही है, क्योंकि यह दक्षिण एशिया में रक्षा संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

चुनौतियां और भविष्य

तकनीकी चुनौतियां: हाइपरसोनिक मिसाइलों का पता लगाना और उन्हें नष्ट करना बेहद जटिल है, क्योंकि ये मिसाइलें 5-10 गुना ध्वनि की गति से यात्रा करती हैं। गोल्डन डोम को इन खतरों से निपटने के लिए अभूतपूर्व सटीकता की आवश्यकता होगी।
आर्थिक बोझ: 175 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत ने पहले ही बहस छेड़ दी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह राशि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों से संसाधन हटा सकती है।

कूटनीतिक प्रभाव: यदि गोल्डन डोम सफल होता है, तो यह अमेरिका को सामरिक रूप से मजबूत करेगा, लेकिन रूस और चीन जैसे देशों के साथ तनाव बढ़ सकता है। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इस परियोजना पर रूस के साथ बातचीत कर सकते हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

सुरक्षा के लिए अभेद्य

‘गोल्डन डोम’ अमेरिका की रक्षा रणनीति में एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है। अगर यह परियोजना अपने वादों को पूरा करती है, तो यह न केवल अमेरिका बल्कि इसके सहयोगी देशों की सुरक्षा को भी अभेद्य बना सकता है। हालांकि, इसकी सफलता तकनीकी नवाचार, आर्थिक संसाधनों और कूटनीतिक संतुलन पर निर्भर करेगी। आने वाले वर्षों में गोल्डन डोम वैश्विक रक्षा परिदृश्य को नया आकार दे सकता है।

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