क्या हो सकता है सबसे बुरा?
कुछ वैज्ञानिकों द्वारा की गई हज़ारों कंप्यूटर सिम्युलेशन्स में यह सामने आया कि:
◙ पृथ्वी के किसी तारे से टकराने या सौरमंडल से बाहर जाने या सूर्य में समाने की संभावना – 0.2%
◙ मंगल ग्रह के नष्ट होने या सौरमंडल से बाहर निकलने की संभावना – 0.3%
◙ बुध ग्रह की कक्षा में अस्थिरता बढ़ने की आशंका – 50-80%
◙ प्लूटो में अराजक गुरुत्वीय प्रभाव की आशंका – 5%
बुध ग्रह की कक्षा डगमगाई तो क्या होगा?
अगर बुध ग्रह की कक्षा किसी गुज़रते हुए तारे के कारण डगमगाई, तो डोमिनोज़ इफेक्ट की तरह शुक्र या मंगल ग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना है। अगर ऐसा हुआ, तो पृथ्वी या तो सीधे सूर्य में समा सकती है या बृहस्पति जैसे विशाल ग्रह की ओर फेंकी जा सकती है, जो अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से उसे सौर मंडल से बाहर निकाल सकता है।
हमारी दुनिया एक अस्थिर संतुलन पर
इस तरह की घटनाएं आज या कल नहीं होंगी, इनका आकलन अगले चार से पांच अरब वर्षों के भीतर संभावित अस्थिरताओं के लिए किया गया है। लेकिन ये इस बात की भी याद दिलाती हैं कि अंतरिक्ष (Space) में कुछ भी स्थायी नहीं है, न तारे, न ग्रह, और शायद न ही हमारी पृथ्वी। वैज्ञानिकों के शब्दों में, “हमारी सिम्युलेशन्स दर्शाती हैं कि यदि हम सौरमंडल को अकेले में एक स्थिर इकाई मानते हैं, तो हम इसके दीर्घकालिक बदलाव को एक से ज़्यादा गुना कम आंकते हैं।”