◙ 7 साल बाद चीन जाएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी का यह दौरा 7 साल में पहला ऐसा मौका होगा जब वह चीन जाएंगे। जून 2018 में पीएम मोदी एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए ही चीन गए थे। 15-16 जून 2020 को गलवान घाटी में भारतीय और चाइनीज़ सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों में संबंध काफी बिगड़ गए थे। हालांकि पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है।
◙ ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच बेहद अहम है यह दौरा
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) लगातार भारत को रूस (Russia) से तेल न खरीदने की धमकी दे रहे हैं। भारत पर दबाव डालने के लिए ट्रंप ने 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीदने की वजह से अतिरिक्त 25% टैरिफ, यानी कि 50% कुल टैरिफ की भी घोषणा की है। ट्रंप के इस फैसले से न सिर्फ दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि संबंधों में भी खटास पड़ गई है। ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों के बीच पीएम मोदी का चीन दौरा बेहद ही अहम है।
◙ ट्रंप की धमकियों का एक और मुंहतोड़ जवाब
अमेरिका और चीन के बीच चला ‘टैरिफ वॉर’ किसी से छिपा नहीं था। अमेरिका के टैरिफ के आगे चीन भी नहीं झुका था और सामने से उसने अमेरिका पर ही टैरिफ ठोक दिया। अमेरिका की तरफ से टैरिफ बढ़ाने पर चीन भी इसे बढ़ाने से पीछे नहीं हटा। हालांकि अब स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन फिर भी सब कुछ सामान्य नहीं हुआ है और दोनों देशों के संबंधों के बीच अभी भी दरार पड़ी हुई है। ऐसे में पीएम मोदी का चीन जाना, ट्रंप को उनकी धमकियों के लिए मुंहतोड़ जवाब है। इससे पहले भी ट्रंप की धमकियों पर भारत की तरफ से अलग-अलग मौकों पर साफ किया जा चुका है कि भारत, इन धमकियों के आगे झुकेगा नहीं।
◙ पीएम मोदी के चीन दौरे पर क्या रहेंगे अहम मुद्दे?
पीएम मोदी के चीन दौरे के दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ एससीओ से संबंधित मुद्दों पर ही नहीं, दूसरे अहम मुद्दों पर भी चर्चा होगी। पीएम मोदी और जिनपिंग, ट्रंप के टैरिफ से निपटने, भारत और चीन के दिव्पक्षीय संबंधों में सुधार, दोनों देशों के बीच ट्रेड बढ़ाने, बॉर्डर विवाद को सुलझाने जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।