नया कानून पारित
पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान में असहमति की आवाज़ें दबाने के लिए एक नया और कठोर कानून पारित किया है। बलूचिस्तान विधानसभा में हाल ही पारित ‘काउंटर टेररिज़्म (संशोधन) अधिनियम, 2025’ के तहत सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को महज शक के आधार पर बिना किसी आरोप और न्यायिक निगरानी के 90 दिनों तक हिरासत में रखने की छूट दी गई है।
कानून के ज़रिए बलूचों पर बढ़ेंगे अत्याचार
इस नए कानून के तहत पुलिस और खुफिया एजेंसियों को वैचारिक प्रोफाइलिंग, तलाशी, जब्ती और डिटेंशन ऑर्डर जारी करने की अतिरिक्त शक्तियाँ मिली हैं। पहली बार सैन्य अधिकारियों को नागरिक निगरानी पैनलों में भी भूमिका दी गई है। इस कानून के ज़रिए बलूचों पर अत्याचार बढ़ेंगे।
मानवाधिकार संगठनों ने किया विरोध शुरू
मानवाधिकार संगठनों – एचआरसीपी, एमनेस्टी इंटरनेशनल और बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) – ने पाकिस्तान के इस नए कानून को संविधान और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसका विरोध शुरू कर दिया है। बीवाईसी ने इसे ‘नागरिक जीवन का सैन्यीकरण’ और ‘मनमानी गिरफ्तारी को वैध बनाने वाला’ कानून बताया है।