आसिम मुनीर अमरीका में एनआरपी यानी अप्रवासी पाकिस्तानियों के बीच मौजूद थे। इसी बीच उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद में कोई कुत्ता भी वजीर-ए-आजम हो तो भी आप गैर-मुल्क पाकिस्तानियों को उनकी सपोर्ट करनी चाहिए। इस बयान में मुनीर ने बता दिया कि पाकिस्तान में सेना का पालतू कुत्ता ही कुर्सी पर बैठा है और उनके ही के इशारे पर काम करता है।
ट्रंप ने भी बता दिया, पाकिस्तान के असली बॉस हैं मुनीर
हाल ही में अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने लंच पर पाकिस्तान के फील्ड मार्शल व आर्मी चीफ आसिम मुनीर को लंच पर बुलाया। पर मुनीर ही क्यों? आखिर एक लोकतांत्रिक देश के राष्ट्राध्यक्ष को दूसरे देश से कूटनीतिक वार्ता करनी है तो वो वहां के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से बात करेगा। ऐसे में ट्रंप ने आसिम मुनीर को ही लंच पर क्यों बुलाया? मतलब साफ है।
ट्रंप जानते हैं कि पाकिस्तान के असली बॉस शहबाज शरीफ नहीं बल्कि मुनीर ही हैं। ट्रंप पाक पीएम शहबाज के साथ किसी भी तरह की चर्चा कर लें, अंतिम फैसला मुनीर ही करेंगे। खासबात यह है कि मुनीर खुद ही यह ऐलान कर आए कि शांति का नोबल पीस प्राइज डोनाल्ड ट्रंप को ही मिलना चाहिए। सवाल उठ रहा है कि आखिर किस हैसियत से मुनीर ने यह बयान दिया।