आखिर क्या है यह पूरा मामला ?
एएनआई ने ढाका ट्रिब्यून के हवाले से बताया कि, जुलाई 2024 में राजधानी ढाका के वतारा इलाके में एक छात्र पर हमले के मामले में नुसरत फारिया समेत 17 कलाकारों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने पर सामने आया था। ढाका के वतारा थाने के इंस्पेक्टर सुजान हक ने पुष्टि की कि नुसरत को इमिग्रेशन से पकड़कर गिरफ्तार किया गया, और कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई।
तो कौन हैं नुसरत फारिया ?
नुसरत फारिया ने 2015 में फिल्म ‘आशिकी’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी और कई हिट फिल्मों में नज़र आईं। उनका सबसे चर्चित रोल 2023 की बायोपिक मुजीब: द मेकिंग ऑफ़ ए नेशन में था, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना का किरदार निभाया था। फिल्म का निर्देशन दिग्गज भारतीय फिल्ममेकर श्याम बेनेगल ने किया था, और यह भारत-बांग्लादेश की संयुक्त परियोजना थी।
क्या कहा था नुसरत ने अपनी भूमिका को लेकर ?
नुसरत ने उस वक्त कहा था, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मुझे शेख हसीना का किरदार निभाने का मौका मिला। यह मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है।” उन्होंने कहा था कि भले ही वह भविष्य में न अभिनय करें, यह किरदार उनके लिए हमेशा खास रहेगा।
फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में हलचल
फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर फैन्स हैरान हैं कि जो अभिनेत्री देशभक्ति पर बनी फिल्म में शेख हसीना का किरदार निभा चुकी हैं, वो अब खुद कानून के घेरे में हैं। कई फैन्स इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जता रहे हैं।
अब इस केस में सुलगते सवाल
नुसरत फारिया की कोर्ट पेशी कब होगी? अन्य आरोपी कलाकारों की जांच की स्थिति क्या है? क्या इस केस में राजनीतिक दखल है? थाईलैंड जाने की मंशा पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं- क्या वह देश छोड़ने की कोशिश कर रही थीं?
नुसरत फारिया की तस्वीर का दूसरा रुख
क्या नुसरत फारिया का किरदार निभाना राजनीतिक पक्षधरता के रूप में देखा गया? बांग्लादेश में कलाकारों और एक्टिविज्म के बीच की लाइन कितनी धुंधली होती जा रही है? बायोपिक फिल्मों में राजनीतिक किरदार निभाना कलाकारों के लिए कितना जोखिम भरा हो सकता है ?
ये भी पढ़ें: IMF की 11 शर्तों के शिकंजे में छटपटा रहा पाकिस्तान, भारत से तनाव बना खतरे की घंटी