किस जगह खोला गया ये तथाकथित ‘दूतावास’?
यह ‘दूतावास’ गुरु नानक सिख गुरुद्वारा, सरे में स्थित है। इस गुरुद्वारे की अगुवाई पहले हरदीप सिंह निज्जर किया करते थे, जिन्हें भारत में एक नामित आतंकवादी माना गया था। उनकी हत्या के बाद ही भारत-कनाडा रिश्तों में कूटनीतिक तनाव बढ़ा था।
सरकारी फंडिंग से मिला समर्थन ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तथाकथित ‘दूतावास’ को ब्रिटिश कोलंबिया की प्रांतीय सरकार से 1.5 लाख अमेरिकी डॉलर की फंडिंग मिली है। कनाडा की एनडीपी सरकार पर पहले भी खालिस्तानी विचारधारा के प्रति नरमी बरतने के आरोप लगते रहे हैं।
कनाडा सरकार और नेताओं की चुप्पी क्यों ?
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी — दोनों ने अब तक इस संवेदनशील मामले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। यह चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
भारत ने सौंपे पुख्ता सुबूत
भारत ने कनाडा को कई बार डोजियर सौंपकर बताया है कि वहां बैठे खालिस्तानी तत्व, भारत में आतंकी और गैंगस्टर नेटवर्क चला रहे हैं। इसके बावजूद कनाडा ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
उल्टा भारत पर ही आरोप लगाए गए
कनाडा सरकार ने उल्टा भारत पर ही हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिससे दोनों देशों के संबंध और अधिक खराब हो गए थे।
कुछ चर्चा और विचार के पहलू
कनाडा में ‘खालिस्तान दूतावास’ का खुलासा, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति। सरे शहर में खालिस्तानी अड्डा बना गुरुद्वारा, ओटावा सरकार मौन। खालिस्तान समर्थकों को कनाडा की फंडिंग? भारत ने उठाए गंभीर सवाल। ‘खालिस्तान दूतावास’ पर भारत का पलटवार, कनाडा से कार्रवाई की मांग। कनाडा में उग्रवाद को समर्थन? भारत-कनाडा रिश्तों में नया तनाव।