आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन को मिलेगी मजबूती
ध्यान रहे कि तीनों यूरोपीय देशों ने हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। यह भारत की वैश्विक छवि को सुदृढ़ करने और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने में मदद करेगा।
हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय सहयोग
डेनमार्क के साथ भारत की “ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” को जयशंकर की इस यात्रा से नई दिशा मिल सकती है। नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपाय, और पर्यावरणीय तकनीकों में सहयोग के नए समझौते हो सकते हैं, जो भारत की सतत विकास योजनाओं को बल देंगे।
निवेश और व्यापार में बढ़ोतरी की उम्मीद
नीदरलैंड और जर्मनी, दोनों देश भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं। जयशंकर की इस यात्रा से FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) में वृद्धि और व्यापारिक अवसरों के विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही, तकनीक, स्टार्टअप्स, और विनिर्माण क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा।
वैश्विक मंचों पर सहयोग का विस्तार
भारत और इन तीनों देशों के बीच यूएन, क्लाइमेट एक्शन, इंडो-पैसिफिक सुरक्षा और डिजिटल शासन जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ सकता है। इस यात्रा से भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक मज़बूत भागीदार के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयाम पर चर्चा
ध्यान रहे कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 19-24 मई तक नीदरलैंड,डेनमार्क और जर्मनी की यात्रा पर हैं । इसमें आगे विदेश मंत्री अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान तीनों देशों के नेतृत्व से मिलेंगे और द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयाम पर चर्चा करेंगे। वहीं आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों पर भी चर्चा होगी।
पीएम मोदी की एक्स पर पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रेडरिक मर्ज़ को पदभार संभालने के लिए हार्दिक बधाई दी है और भारत – जर्मनी सामरिक साझेदारी और मजबूत बनाने के लिए चांसलर मर्ज़ के साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की है। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए, लिखा, ” जर्मनी के संघीय चांसलर के रूप में पदभार ग्रहण करने पर @_FriedrichMerz को हार्दिक बधाई । मैं भारत – जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं ।”
फ्रेडरिक्सन ने भारत को समर्थन देने की पेशकश की
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने भारत को समर्थन देने की पेशकश की और आतंकवाद के सभी कृत्यों की निंदा की। उन्होंने हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। डेनमार्क के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर लिखा, “पहलगाम से भयानक खबर है। डेनमार्क भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है। हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों और प्रियजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं।”
स्कोल्ज़ ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की
जर्मनी के पूर्व चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। उन्होंने भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और हमले में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। नीदरलैंड के राष्ट्रपति डिक स्कोफ ने कहा था, ” नीदरलैंड वर्तमान में और भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है ।” भारत के इन तीनों देशों के साथ मधुर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध 75 साल से भी ज़्यादा पुराने
गौरतलब है कि भारत और डेनमार्क के संबंध ऐतिहासिक संबंधों, समान लोकतांत्रिक परंपराओं और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता की साझा इच्छा पर आधारित हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत – डेनमार्क संबंधों का वर्तमान विकास “हरित रणनीतिक साझेदारी” से निर्देशित है। भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध 75 साल से भी ज़्यादा पुराने हैं।
भारत विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ संबंध वाले पहले देशों में से एक
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच मज़बूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध हैं। उच्च स्तरीय आपसी आदान-प्रदान ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को बढ़ावा दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार,भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी है, भारत सत्तर साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
भारत की राजनयिक पकड़ मजबूत होगी
बहरहाल विदेश मंत्री जयशंकर की यह यात्रा केवल शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि भारत की विदेश नीति का एक रणनीतिक विस्तार है। इससे न केवल भारत की राजनयिक पकड़ मजबूत होगी, बल्कि आर्थिक, पर्यावरणीय और सुरक्षा मामलों में भी महत्वपूर्ण साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त होगा।