क्या है पूरा मामला?
ईरान और इजरायल के बीच पिछले कुछ दिनों से युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। इस बीच, ईरानी सरकारी टीवी चैनल ने दावा किया कि व्हाट्सएप के जरिए इजरायल ईरानी नागरिकों की गोपनीय जानकारी जुटा रहा है। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए लोगों से इन ऐप्स को तुरंत हटाने का आदेश दिया है।
व्हाट्सएप ने दी सफाई
व्हाट्सएप ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि वह किसी भी सरकार या संगठन के साथ यूजर्स का डेटा साझा नहीं करता। कंपनी ने अपने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर का हवाला देते हुए कहा कि यूजर्स की चैट और डेटा पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि, ईरान ने इन दावों को नजरअंदाज करते हुए अपने नागरिकों से ऐप डिलीट करने की अपील दोहराई है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह अपील?
ईरान में व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम न केवल चैटिंग के लिए, बल्कि बिजनेस कम्युनिकेशन और इंटरनेशनल संपर्क के लिए भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होते हैं। इन ऐप्स को हटाने की अपील से ईरानी नागरिकों की डिजिटल लाइफ पर गहरा असर पड़ सकता है। पहले से ही कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और वेबसाइट्स पर प्रतिबंध झेल रहे ईरानी लोग VPN और प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सरकारी अपील ने स्थिति को और जटिल कर दिया है।
दोनों देशों में तनाव
इजरायल और ईरान के बीच तनाव हाल के दिनों में चरम पर पहुंच गया है। इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु सुविधाओं पर हमले किए, जबकि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल के प्रमुख शहरों पर मिसाइलें दागीं। इस संघर्ष में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है, और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है।