S400 ने दिलाई थी बढ़त
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 की जबरदस्त कामयाबी ने भारतीय वायुसेना को अपूर्व बढ़त दिलाई थी। इसी सफलता को देखते हुए भारत अब अगली पीढ़ी की प्रणाली एस-500 हासिल करना चाहता है जो आने वाले दशकों तक उसकी वायु सीमाओं की रक्षा कर सके। पाकिस्तान की ओर से चीन से जे-36 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की स्थिति में एस-500 भारत की जरूरतों पर सौ फीसदी खड़ा उतरता है। एस-400 ने हाल ही पाकिस्तान में 314 किलोमीटर तक मारक क्षमता दिखा कर रिकॉर्ड बनाया था। एस-400 की अतिरिक्त खरीद
सूत्रों के अनुसार भारत एस-400 की अतिरिक्त खरीद की भी तैयारी कर रहा है। फिलहाल रूस से पांच स्क्वाड्रन खरीद का समझौता है जिसमें से तीन की डिलीवरी व संस्थापन हो चुका है। रूस ने शेष दो प्रणालियों की आपूर्ति 2026 में करने का वादा किया है।
क्या खासियत है एस-500 में
- अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली, रेंज 600 किमी तक।
- 200 किमी की ऊंचाई तक बैलिस्टिक-क्रूज मिसाइलों, हाइपरसोनिक-स्टेल्थ विमानों की ट्रेकिंग में सक्षम।
- उन्नत लोंग-रेंज रडार, एक्स-बैंड फायर कंट्रोल रडार और मल्टी-बैंड फेज्ड एरे तकनीक से लैस।
- स्टेल्थ फाइटर जेट्स को मार गिराने की भी क्षमता।
- उन विमानों की भी ट्रेकिंग में सक्षम जो पारंपरिक रडार से बच निकलते हैं।