IDF का मिशन: ‘बंधकों की रिहाई और हमास की हार’
IDF प्रवक्ता ने बताया कि यह व्यापक सैन्य ऑपरेशन ग़ाज़ा में “युद्ध के सभी प्रमुख उद्देश्यों” को पूरा करने के लिए चलाया जा रहा है — इनमें बंधकों की सुरक्षित वापसी, हमास की सैन्य क्षमताओं का विनाश, और इज़राइली नागरिकों की सुरक्षा प्रमुख है। सैन्य बल दक्षिणी कमान के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और रणनीतिक इलाकों में स्थायी उपस्थिति बनाने की कोशिश की जा रही है।
DF की नई रणनीति: मल्टी-लेयर वारफेयर
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में पहली बार IDF ने “मल्टी-लेयर वारफेयर” की रणनीति अपनाई है — जिसमें एक साथ जमीनी टुकड़ियों, हवाई बमबारी, नौसेना की घेराबंदी, और साइबर अटैक को मिलाकर चलाया जा रहा है।
AI और डेटा इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
IDF अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए संदिग्ध हमास ठिकानों को रीयल टाइम में पहचान रहा है। AI सिस्टम्स में नागरिक गतिविधियों और आतंकी मूवमेंट्स को अलग-अलग वर्गीकृत करने की क्षमता है — जिससे “कोलेटरल डैमेज” को कम करने का दावा किया जा रहा है।
ग़ाज़ा सिटी बना बैटल फील्ड: सुरंगों की तलाश में चली ऑपरेशन सुरंग शिकंजा
IDF अब हमास की भूमिगत रणनीति को तोड़ने के मिशन पर है। ग़ाज़ा के अंदर दर्जनों किलोमीटर लंबी सुरंगें हैं, जो आतंकियों के आवागमन, हथियार भंडारण और बंधकों की छिपाने की जगह बन चुकी हैं। अब शुरू हुआ है “ऑपरेशन सुरंग शिकंजा”, जिसमें खासतौर पर सुरंगों को नष्ट करने के लिए थर्मल सेंसर ड्रोन और दीवारों को भेदने वाले रोबोट तैनात किए गए हैं।
आम नागरिकों की स्थिति बहुत गंभीर होती जा रही
युद्ध के बीच आम नागरिकों की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। गाजा के कई हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो चुकी है। स्थानीय अस्पतालों में ईंधन और दवाओं की भारी कमी हो गई है। संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस, और ह्यूमन राइट्स वॉच ने चेतावनी दी है कि यदि मानवीय सहायता जल्द नहीं पहुंचाई गई, तो हालात “नियंत्रण से बाहर” हो सकते हैं।
रिएक्शन: मानवाधिकार संगठनों की चिंता, इज़राइली पब्लिक का समर्थन
जहां अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने ग़ाज़ा में आम नागरिकों पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई है, वहीं इज़राइली पब्लिक में IDF के इस जवाबी अभियान को लेकर बड़ा समर्थन देखा जा रहा है। तेल अवीव यूनिवर्सिटी के एक सर्वे के अनुसार, 76% नागरिक चाहते हैं कि “हमास को जड़ से उखाड़ दिया जाए।”
फॉलोअप: क्या ग़ाज़ा में ग्राउंड ऑपरेशन और गहराएगा ?
सेना से जुड़े विश्लेषकों का मानना है कि अगर बंधकों की वापसी और हमास की गतिविधियों को पूरी तरह रोका नहीं गया, तो यह अभियान लंबे समय तक चल सकता है और इसमें और ज्यादा ग्राउंड ट्रूप्स शामिल किए जा सकते हैं।
साइड एंगल: साइबर युद्ध और ड्रोन हमले
विशेष जानकारी के अनुसार, IDF इस बार सिर्फ जमीनी ऑपरेशन नहीं, बल्कि साइबर हमला, सिग्नल ब्लॉकिंग, और AI-निर्देशित ड्रोन स्ट्राइक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर AI-संचालित आर्टिलरी को सक्रिय किया गया है।