पहले कार्यकाल से ही चाहते हैं नोबेल पुरस्कार
ट्रंप ने नोबेल पुरस्कार के लिए दावेदारी अपने चुनाव अभियान के दौरान ही शुरू कर दी थी। दावेदारी के पीछे ट्रंप की यह सोच थी कि उन्हें अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही नोबेल पुरस्कार मिल जाना चाहिए था।
“ओबामा को बिना कुछ किए मिला तो मुझे क्यों नहीं?”
नोबेल पुरस्कार पाने की ट्रंप की इच्छा के पीछे एक वजह यह भी है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। ओबामा को भी शांति के लिए ही नोबेल पुरस्कार मिला था। अपनी एक चुनावी रैली में ट्रंप ने यह भी कहा था कि “अगर ओबामा को बिना कुछ किए नोबेल मिल सकता है तो मुझे क्यों नहीं?”
9 से ज़्यादा बार सार्वजनिक तौर पर नोबेल पुरस्कार की मांग कर चुके हैं ट्रंप
ट्रंप, 9 से ज़्यादा बार सार्वजनिक तौर पर नोबेल पुरस्कार की मांग कर चुके हैं। फरवरी 2019 में ट्रंप ने तत्कालीन जापानी पीएम शिंज़ो आबे के पत्र के बहाने खुद को नोबेल पुरस्कार का दावेदार बताया था। सितंबर 2019 में तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की यात्रा के दौरान पत्रकारों से सवाल के जवाब में उन्होंने नोबेल पुरस्कार की इच्छा जताई थी। जनवरी 2020 में ओहायो में एक रैली के दौरान उन्होंने नोबेल पुरस्कार की मांग की थी। अक्टूबर 2024 में नेवादा और डेट्रॉइट की रैलियों में उन्होंने नोबेल पुरस्कार की मांग उठाई। फरवरी 2025 में नेतन्याहू से बैठक के दौरान भी उन्होंने कहा कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। जून 2025 में उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए भारत-पाकिस्तान में शांति कराने की बात करते हुए नोबेल पुरस्कार की मांग की थी। 21 जून 2025 को पाकिस्तान द्वारा नामांकित करने के बाद ट्रंप ने फिर से नोबेल पुरस्कार की मांग की थी। जुलाई 2025 में अफ्रीकी नेताओं के साथ बैठक में ट्रंप ने फिर कहा कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। 31 जुलाई 2025 को ट्रंप ने व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट के ज़रिए नोबेल पुरस्कार मांगा।