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100 से ज्यादा देशों में इस धर्म का दबदबा, जानिए आने वाले समय में किसका होगा राज

Global religious Influence:

भारतJun 15, 2025 / 02:25 pm

Devika Chatraj

दुनिया में किस धर्म का वर्चस्व
(AI generated image)

वर्तमान में विश्व की धार्मिक जनसंख्या के आंकड़े और भविष्य के रुझान विभिन्न शोधों और सर्वेक्षणों के आधार पर सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार कौनसा धर्म वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, जिसके लगभग 2.38 अरब अनुयायी हैं, जो विश्व की कुल आबादी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। यह धर्म यूरोप, अमेरिका, फिलीपींस, उप-सहारा अफ्रीका और ओशिनिया जैसे क्षेत्रों में प्रमुख है।

इस्लाम धर्म बढ़ रही जनसंख्या

इस्लाम धर्म सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुमानों के अनुसार, यदि वर्तमान जनसंख्या वृद्धि का रुझान जारी रहा, तो 2070 तक इस्लाम के अनुयायियों की संख्या ईसाइयों को पार कर सकती है, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन सकता है। 2050 तक भारत इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बन सकता है, हालांकि हिंदू आबादी अभी भी भारत में बहुसंख्यक रहेगी।

किस धर्म का वर्चस्व

प्यू रिसर्च सेंटर और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार ईसाई धर्म वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, जिसके लगभग 2.38 अरब अनुयायी हैं।

तीसरे नंबर पर हिंदू

विश्व में हिंदू धर्म तीसरे नंबर पर है, जिसके लगभग 1.16 अरब अनुयायी हैं, जो मुख्य रूप से भारत, नेपाल और मॉरीशस जैसे देशों में केंद्रित हैं। 2050 तक हिंदू आबादी में 34% की वृद्धि होने की संभावना है, लेकिन इसका प्रभाव मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित रहेगा।

नास्तिकों में भी वृद्धि

दिलचस्प बात यह है कि किसी भी धर्म को न मानने वालों (नास्तिक या धर्मनिरपेक्ष) की संख्या भी बढ़ रही है, खासकर यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों जैसे हॉन्गकॉन्ग और दक्षिण कोरिया में। उदाहरण के लिए, नीदरलैंड्स में 40% और चेक रिपब्लिक में 60% लोग खुद को किसी धर्म से नहीं जोड़ते।

भविष्य के रुझान

ईसाई धर्म: 2050 तक यह अभी भी सबसे बड़ा धर्म रहेगा, लेकिन यूरोप में इसकी संख्या में कमी आ रही है।

इस्लाम: उच्च जन्म दर और धर्मांतरण के कारण यह सबसे तेजी से बढ़ रहा है। 2075 तक यह संभवतः सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा।
हिंदू धर्म: भारत और कुछ अन्य देशों में मजबूत रहेगा, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसका विस्तार सीमित रहेगा।

धर्मनिरपेक्षता: विशेष रूप से विकसित देशों में नास्तिकता और धर्मनिरपेक्षता बढ़ रही है, जो भविष्य में एक महत्वपूर्ण वैश्विक रुझान हो सकता है।

धार्मिक विविधता में बढ़ोतरी

हालांकि ईसाई धर्म अभी 100 से ज्यादा देशों में प्रभावशाली है, इस्लाम की तेजी से बढ़ती आबादी और धर्मनिरपेक्षता का उभरता रुझान भविष्य में धार्मिक परिदृश्य को बदल सकता है। भारत में धार्मिक विविधता और सहिष्णुता इसे एक अनूठा स्थान देती है, जहां हिंदू धर्म बहुसंख्यक रहेगा, लेकिन इस्लाम की आबादी भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगी।

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